लंदन
शुक्रवार की शाम खबर आई कि ब्रिटेन के दर्जनों अस्पतालों के कंप्यूटर्स को हैकर्स ने रैंजमवेयर के जरिए हैक कर लिया. अब रिपोर्ट आ रही हैं कि लगभग 74 देशों पर बड़ा साइबर अटैक हुआ है. इस हैकिंग के लिए अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी NSA के उस टूल को जिम्मेदार बताया जा रहा है जो हाल ही में लीक हुआ था. साइबर सिक्योरिटी फर्म Kaspersky lab की मानें तो हैकर्स ने लगभग 74 दशों को रैंजमवेयर के जरिए निशाना बनाया है. इसके तहत लगभग 50 हजार से भी ज्यादा कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया है.
रैंजमवेयर एक तरीके का मैलवेयर होता है जो कंप्यूटर को रिमोटली लॉक करके डेटा एन्क्रिप्ट कर देता है. इसे डिक्रिप्ट और कंप्यूटर को अनलॉक करने के लिए हैकर्स पैसों की मांग करते हैं. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि हैकर्स ने उन तरीकों को अपनाया है जिसे नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी ने डेवलप किया था जो हाल ही में लीक हुआ है. इस खतरनाक मैलवेयर को ईमेल के जरिए टार्गेट कंप्यूटर में भेजा जा रहा है. इतना ही नहीं हैकर्स कंप्रेस्ड और एन्क्रिप्टेड फाइल के जरिए भी कंप्यूटर्स को निशाना बना रहे हैं.
गौरतलब है कि एनएसए का यह हैकिंग टूल शैडो ब्रोकर्स नाम के एक ग्रुप ने लीक करने का दावा किया छा. उन्होंने एनएसए के इस हैकिंग टूल को लीक किया और खुद लोगों को बताया. हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने मार्च में ही इस खामी को ठीक करने के लिए एक पैच अपडेट दिया, लेकिन हैकर्स फिर भी इसमें सेंध लगाने में कामयाब होते दिख रहे हैं.
मैलवेयर हंटर टीम के मुताबिक ये साइबर अटैक न सिर्फ ब्रिटेन में हुआ है, बल्कि यूरोप, एशिया, रूस और दूसरे कई देशों के हॉस्पिटल सहित टेलीकॉम कंपनियां इससे प्रभावित हो सकती हैं. आपको बता दें कि मैलवेयर हंटर टीम रैंजमवेयर अटैक्स को ट्रैक करती है. इस फर्म के मुताबिक जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट का मार्च सिक्योरिटी पैच नहीं इंस्टॉल किया है उन्हें ध्यान देने की जरुरत है.
ऐसे करें खुद को इस साइबर अटैक से सुरक्षित
मार्च में माइक्रोसॉफ्ट ने Windows यूजर्स के लिए एक सिक्योरिटी पैच अपडेट किया था. आपने अगर इसे इंस्टॉल नहीं किया है तो अब वक्त आ गया है इसे इंस्टॉल करने का. दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप इसे अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल कर सकते हैं.