भोपाल
मध्यप्रदेश में बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट आने के बाद कुछ जगहों से बुरी खबर भी आईं हैं। शुक्रवार को एक भाई-बहन और भोपाल के लड़के समेत 12 छात्रों ने इसलिए सूइसाइड कर ली क्योंकि उन्हें अपने 90% मार्क्स आने की उम्मीद थी। इनमें 10 स्टूडेंट्स 12वीं क्लास के थे, जिनमें 5 लड़कियां थीं।
सतना जिले के खमहरिया पैसिहान गांव में 18 साल की रश्मि और उसके भाई 15 साल के दिपेंद्र ने बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट आने के कुछ घंटों बाद ही आत्महत्या कर ली। रश्मि ने 12वीं क्लास और दिपेंद्र ने 10वीं क्लास के एग्जाम दिए थे। दोनों ही अपने एग्जाम में फेल हो गए थे। जब दोनों के माता-पिता एक शादी में शरीख होने गए थे तो रश्मि खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
अपनी बहन को मरा हुआ देखकर दिपेंद्र ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह जानकारी पुलिस ने दी। वहीं भोपाल में 18 साल के नमन काबडे ने खुद को जहर का इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि नमन को 90% मार्क्स की उम्मीद थी, जबकि उसके सिर्फ 74% मार्क्स ही आए थे। नमन की मां हॉस्पिटल में नर्स है इसलिए उसे घर पर ही इंजेक्शन मिल गया।
इंदौर में 16 साल के सुमित बैरागी ने रिजल्ट आते ही खुद को बंद कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुमित 2 सब्जेक्ट में फेल हो गया था। भिंड में नगरपालिका चेयरमैन कलावती मिहोलिया के इकलौते बेटे ने 12वीं में फेल होने के बाद आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि उसने रिजल्ट में देखा कि वह दो सब्जेक्ट में फेल हो गया है, उसके बाद बंद कमरे में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जबलपुर में, एक लड़की दो सब्जेक्ट में फेल होने के बाद साइकल से रेलवे ट्रैक के पास गई और ट्रेन का इंतजार करती रही। जब ट्रेन वहां आई तो वह ट्रेन के सामने कूद गई। ग्वालियर में भी 12वीं क्लास की स्टूडेंट प्रज्ञा सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बालाघाट के देवेंद्र ने खुद के दो सब्जेक्ट में फेल होने के बाद जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
तीन विषयों में विशेष योग्यता से भी खुश नहीं था नमन, 90% की थी चाह
एक्सिलेंस स्कूल का 12वीं का छात्र नमन कड़वे पढ़ाई में काफी होशियार था। शुक्रवार को आए रिजल्ट से पता चला कि नमन इस परीक्षा में 74.4 फीसदी अंकों के साथ प्रथम श्रेणी में पास हुआ है। अंग्रेजी, संस्कृत और केमेस्ट्री में उसकी डिस्टिंंक्शन आई है, जबकि गणित में 69 और फिजिक्स में 64 अंक हैं।
इतने अच्छे अंक आने के बाद भी खुदकुशी करना हर किसी को हैरान कर रहा है। हबीबगंज टीआई रविंद्र यादव के मुताबिक शुक्रवार दोपहर नमन अपने दोस्तों के साथ रिजल्ट देखने गया था। उसके पिता श्याम लाल कांट्रैक्टर हैं, जबकि मां एक निजी अस्पताल में नर्स हैं। दोपहर करीब तीन बजे नमन घर लौटा तो माता-पिता अपने-अपने काम पर गए थे। करीब साढ़े तीन बजे मां ने उसे कई बार फोन लगाए, जो रिसीव नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने नमन के दोस्त को फोन कर घर भेजा। दोस्त जब घर पहुंचा तो नमन की मौत हो चुकी थी।
पुलिस मौके पर पहुंची तो उसके पास दवा की एक शीशी और इंजेक्शन पड़ा था। इसमें भी थोड़ी दवा बची थी। नमन के हाथ पर भी इंजेक्शन लगाने का निशान मिला है। अहम बात ये है कि नमन माता-पिता की इकलौती संतान था। वह पढ़ने में भी काफी होशियार था, इसलिए माता-पिता की ओर से उस पर कोई दबाव नहीं रहता था। दोस्तों ने पुलिस को बताया है कि नमन चाहता था कि उसके 90 फीसदी से ज्यादा अंक आएं।