देहरादून
चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश अब यात्रियों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। शुक्रवार को विष्णुप्रयाग के नजदीक हाथीपहाड़ में पहाड़ी दरकने से बद्रीनाथ हाईवे पूरी तरह से बाधित हो गया। इस वजह से करीब 15 हजार लोगों के रास्ते में फंसे होने की आशंका है। इस भूस्खलन के बाद प्रशासन ने लोगों को रास्ते में ही रोक दिया। दोपहर तीन बजकर 23 मिनट पर हाथीपहाड़ में अचानक चट्टान टूटकर गिरने के बाद हाईवे का 50 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।
हाथीपहाड़ में दोनों छोरों पर 500 से अधिक छोटे-बड़े वाहन फंसे हैं। बद्रीनाथ धाम में फंसे यात्रियों को फिलहाल वहीं रुकने के लिए कहा गया है, जबकि बद्रीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों को जोशीमठ, पीपलकोटी, चमोली आदि यात्रा पड़ावों पर रोका गया है। प्रशासनिक अनुमान के अनुसार बद्रीनाथ धाम में 15 हजार के करीब यात्री फंसे हुए हैं, जबकि अन्य यात्रा पड़ावों पर तकरीबन दस हजार यात्री मौजूद हैं। हाथीपहाड़ से बद्रीनाथ की ओर फंसे यात्रियों को प्रशासन ने गोविंदघाट गुरुद्वारे में ठहराने की व्यवस्था की है।
प्रशासन के निर्देशों पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भोजन की भी व्यवस्था की है। चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी के अनुसार हाईवे कल तक खुलने की उम्मीद है। ऐसे में यात्रियों को कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, चमोली, पीपलकोटी, जोशीमठ में रोका जा रहा है। बद्रीनाथ में मौजूद यात्रियों को बद्रीनाथ ही रोक दिया गया है।
चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि सीमा सड़क संगठन के जवान मलबे को साफ करने में लगे हैं और कल दोपहर तक राजमार्ग को यातायात के लिये खोल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ की यात्रा पर आए श्रद्वालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसके लिये उन्हें जोशीमठ, पीपलकोटी, कर्णप्रयाग, गोविंदघाट और बद्रीनाथ में ही सुविधाजनक स्थानों पर ठहरने को कहा गया है। राजमार्ग जोशीमठ और बद्रीनाथ के बीच विष्णुप्रयाग के समीप बंद है। दोपहर बाद अचानक हाथीपहाड़ से चट्टान खिसकनी शुरू हो गई, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर अलकनंदा नदी तक का बड़ा इलाका मलबे से भर गया।