महासमुंद
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले सहित पूरे सूबे में अंतिम संस्कार के बाद एक अज्ञात मृतका के वापस लौट आने की चर्चा इन दिनों गर्म है. चार दिनों तक गम में डूबे परिवार के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है, लेकिन पुलिस के लिए इस घटना को समझना अब एक चुनौती बन गया है. मृतका के परिजन जिसे अपनी नाबालिग बेटी समझकर अंतिम संस्कार कर चुके हैं आखिर वो कौन थी?
अंतिम संस्कार के साथ ही उस मृतका के सभी सबूत नष्ट हो चुके हैं. फिलहाल इस घटना ने सभी को हैरान कर रखा है. बता दें कि किशोरी 17 अप्रैल से बिना बताए घर छोड़ कर चली गई थी. पता नहीं चलने पर परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.
यह पूरा मामला महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के गांव तेंदुलोथा का है. 19 मई को भालुचुवां कंडीझर में एक अज्ञात युवती की अधजली लाश मिली थी. जिसे 20 मई को ग्राम तेंदुलोथा के एक परिवार ने अपनी बेटी होने की शिनाख्त की और बकायदा उसका अंतिम संस्कार किया था.
घटना के चौथे दिन यानी 23 मई को परिवार वालों को अपनी बेटी के जीवित होने की सूचना मिली. रायपुर से नाबालिग के मौसेरे भाई को मिली सूचना को परिवार वालों ने पुलिस को बताया. पुलिस वाले नाबालिग को मंगलवार को बागबाहरा थाने लेकर आए. बागबाहरा टीआई शशिकला उईके ने कहा कि 19 मई को भालुचुवां कंडीझर में मिली अज्ञात युवती की अधजली लाश को देखकर तेंदुलोथा के परिवारों ने उसकी शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में की थी. उसके बाद शव दोपहर बाद उन्हें सौंप दिया गया था.
पुलिस ने कहा कि नाबालिग को रायपुर से बरामद कर लिया गया है. नाबालिग के मुताबिक मां की डांट-फटकार से वह घर छोड़कर चली गई थी. नाबालिग रायपुर में रहकर वह एक दुकान में काम करने लगी थी. जब मीडिया के जरिए उसे अपनी मौत की खबर लगी तब वह मौसी के यहां थी.