Home स्पोर्ट्स सफल कोच कुंबले से क्यों नाराज है BCCI?

सफल कोच कुंबले से क्यों नाराज है BCCI?

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मुंबई

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और मौजूदा कोच अनिल कुंबले के बीच कुछ तो गड़बड़ चल रही है। कुंबले के बतौर कोच शानदार प्रदर्शन के बावजूद बोर्ड ने नए कोच के लिए ऐप्लिकेशन मंगवाने शुरू कर दिए हैं। गुरुवार को बीसीसीआई ने भारतीय पुरुष टीम के कोच के लिए नए ऐप्लिकेशन मंगवाए। उन्होंने कुंबले को इस प्रक्रिया में सीधे ऐंट्री तो दी ही साथ ही यह भी घोषणा की कि तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहाकर समिति भारतीय टीम का नया कोच चुनने की प्रक्रिया को देखेगी।

पिछली बार अडवाइजरी कमिटी ने कुंबले को भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया था। बीसीसीआई ने एक अनुबंध तैयार किया था जिसके अनुसार कोच का कार्यकाल एक साल तय किया गया था और इसके बाद नया कोच नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू किए जाने की बात थी। कुंबले का अनुबंध इस साल चैपियंस ट्रोफी के बाद समाप्त हो रहा है।

बोर्ड के प्रशासनिक काम से जुड़े एक वरिष्ठ सूत्र ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया- जब अनुबंध इसी तरह ड्राफ्ट किया गया है तो हम क्या कर सकते हैं। या तो अनुबंध के अनुसार कोच का कार्यकाल लंबा होता या फिर इसमें परफॉर्मेंस का कोई क्लॉज होता। अब अगर बीसीसीआई अनुबंध का पालन नहीं करेगी तो उस पर आरोप लगेंगे कि उसने ऐसा नहीं किया और अगर वह नहीं करती तो उस पर कुंबले के साथ ठीक न करने के आरोप लगेंगे।’

टीम के साथ एक शानदार सफर निभाने वाले कुंबले ने सैलरी बढ़ाने की मांग और टीम चयन में कोच की भूमिका बढ़ाने की मांग की है।पिछले एक साल में कुंबले की कोचिंग में भारतीय टीम ने पांच टेस्ट सीरीज, एक वनडे सीरीज और एक टी20 सीरीज जीती है।

ऐसे में सवाल यह है कि अडवाइजरी कमिटी आखिर अनिल कुंबले के प्रदर्शन को कैसे नजरअंदाज करेगी। अडवाइजरी कमिटी में सचिन तेंडुलकर, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं। इन तीनों के लिए यह मुश्किल परिस्थिति भी है क्योंकि उन्हें अपने साथी खिलाड़ी रहे कुंबले को लेकर फैसला करना होगा जिनका बतौर कोच प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है।

इस पूरे मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘अडवाइजरी कमिटी केवल क्रिकेटीय पहलु को ही देख सकती है। इस बात में भी कोई संदेह नहीं कि वह एक बार फिर कुंबले का ही चयन करेगी। वह कुंबले को हटाने के फैसले को कैसे जस्टिफाइ करेंगे? असल में अब बीसीसीआई को इस बारे में फैसला करना है।’

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