वॉशिंगटन
दुबई समेत कुछ एयरपोर्ट्स से अमेरिका के लिए उड़ानों में लैपटॉप और इलेकट्रॉनिक उपकरणों के साथ यात्रा पर बैन के बाद ट्रंप प्रशासन अब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के दौरान लैपटॉप को पूरी तरह बैन करने पर विचार कर रहा है। अमेरिका के होमलैंड सिक्यॉरिटी सेक्रटरी (गृहमंत्री) जॉन केली ने रविवार को कहा कि वह सुरक्षा कारणों से देश में आने और यहां से जाने वाले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में लैपटॉप कंप्यूटर पर बैन लगाने पर विचार कर रहे हैं।
केली ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त की है जब कुछ दिन पहले ही इंग्लैंड के मैनचेस्टर में एक म्यूजिक कॉन्सर्ट के दौरान आतंकी हमले के बाद उस तरह के और हमलों का खतरा बढ़ चुका है। उन्होंने फॉक्स न्यूज के एक कार्यक्रम में कहा कि उड़ानों को आतंकवादी निशाना बना सकते हैं और यह एक वास्तविक खतरा है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने संकेत दिया कि बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ हवाई यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
केली ने कहा कि आतंकवादी हवा में किसी विमान को निशाना बनाने की कोशिश कर सकते हैं। खासकर उनके निशाने पर अमेरीकी विमान हो सकता है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी शिकार बन सकें। अगर अमेरिका अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर इस तरह का कोई प्रतिबंध लगाता है तो इससे अमेरिका और यूरोप के बीच उड़ानों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। एविएशन इंडस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक इन गर्मियों में ईयू के सदस्य देशों और अमेरिका के बीच प्रति सप्ताह करीब 3250 उड़ानों की उम्मीद है।
गौरतलब है कि अमेरिका कुछ देशों के एयरपोर्ट्स से अपने यहां आने वाली उड़ानों में स्मार्टफोन से बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। इस साल 21 मार्च को अमेरिका ने ऐलान किया था कि मिडल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका के 10 एयरपोर्ट्स से उसके यहां आने वाली फ्लाइट्स में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण प्रतिबंधित रहेंगे। इससे प्रभावित होने वाले देों में तुर्की, जॉर्डन, मिस्र, सऊदी अरब, कुवैत, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और मोरक्को शामिल हैं।
मार्च में ही ब्रिटेन ने भी तुर्की, लेबनान, जॉर्डन, मिस्र, ट्यूनीशिया और सऊदी अरब से आने वाली फ्लाइट्स में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर प्रतिबंध लगाया था। पिछले सप्ताह राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 9 दिवसीय यूरोप दौरे के वक्त केली ने ब्रसेल्स में यूरोपियन कमिशन के अधिकारियों से हवाई यात्रा के दौरान लैपटॉप पर संभावित बैन को लेकर बातचीत की थी।