भोपाल
आखिरकार मानसून की अरब सागर वाली शाखा से बने सिस्टम की बदौलत भोपाल और इंदौर में मानसून ने दस्तक दे दी है। सोमवार सुबह मौसम केंद्र ने इसका ऐलान किया। मानसून आने की औसत तारीख 13 जून है लेकिन बंगाल की खाड़ी में मजबूत सिस्टम नहीं बनने की वजह से देरी हुई।
मानसून की घोषणा के वक्त शहर में उमस और गर्मी थी लेकिन दोपहर तीन बजे से झमाझम बारिश शुरू हो गई। देर शाम तक बारिश स्र्क-रुक कर होती रही। एयरपोर्ट ऑब्जरवेटरी पर 6.7 मिमी बारिश दर्ज हुई।
तेज बारिश की वजह से कई इलाकों में बिजली गुल और पानी भराव की समस्या हुई। वहीं, अब प्रदेश के 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सों में मानसून सक्रिय हो गया है। बाकी बचे बुंदेलखंड और ग्वालियर अंचल में भी अगले 48 घंटों में मानसून की घोषणा हो सकती है।
इसलिए की मानसून की घोषणा
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक जब लगातार तीन-चार दिनों तक नमी 80 प्रतिशत से ज्यादा हो और तापमान 35 डिग्री के आसपास हो तब मानसून की घोषणा की जाती है। इसमें यह जरूरी नहीं कि बारिश हो ही। भोपाल में पिछले चार दिनों से यह स्थितियां बनी हुई थी।
फिर भी अभी तेज बारिश के आसार नहीं
बंगाल की खाड़ी वाला सिस्टम अभी सक्रिय नहीं है। इसलिए राजधानी में अभी दो-तीन दिन तक हल्की बारिश होगी। मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र कुमार नायक ने बताया कि 28 जून तक छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, बैतूल और रायसेन जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है।