1993 मुंबई ब्लास्ट के दोषी मुस्तफा डोसा की बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से अस्पताल में मौत हो गई। उसे सीने में दर्द की शिकायत के चलते जे.जे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुंबई ब्लास्ट मामले में 24 साल बाद विशेष टाडा अदालत ने 16 जून को ही उसे दोषी करार दिया था। सीबीआई ने कोर्ट से उसके लिए फांसी की मांग की थी, लेकिन सजा का ऐलान होने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
अस्पताल के डीन टीपी लहाने ने बताया कि दोसा को अस्पताल के जेल वॉर्ड में देर रात तीन बजे भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि दोसा ने आर्थर रोड जेल में सीने में दर्द की शिकायत की थी। उसे शुगर की बीमारी थी और इन्फेक्शन भी था। सीबीआई ने ब्लास्ट में डोसा की भूमिका को याकूब मेनन से अधिक गंभीर करार देते हुए अदालत से उसके लिए सजा-ए-मौत की मांग की थी। बता दें कि याकूब मेनन को फांसी दी जा चुकी है।
सीबीआई ने कहा था कि दोसा साजिशकर्ताओं में से एक था और इस अपराध में उसकी भूमिका सबसे अधिक थी। डोसा को साल 2004 में यूएई से गिरफ्तार कर भारत लाया गया था। अदालत ने 16 जून को डोसा और गैंगस्टर अबू सलेम सलेम सहित पांच अरोपियों को हत्या, साजिश और अब निरस्त हो चुके टाडा के तहत दोषी करार दिया था। छठे आरोपी रियाज सिद्दीकी को केवल टाडा के तहत ही दोषी पाया गया। मुंबई में 12 मार्च 1993 को हुए सीरियल ब्लास्ट्स में 257 लोगों की मौत हुई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।