जम्मू
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकी हमले में 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई. वहीं, तीन जवानों सहित 15 लोग जख्मी भी हुए हैं. बस अमरनाथ यात्रा से दर्शन के बाद लौट रही थी. इसके साथ ही कश्मीर में आतंकियों ने अपने 15 साल पुराने अलिखित वादे को तोड़ दिया है. जिसमें अमरनाथ यात्रियों पर हमला नहीं करने की बात कही गई थी. अमरनाथ यात्रा कश्मीर में काफी विवाद का विषय रहा है, बावजूद पिछले एक दशक से ज्यादा समय से यह आतंकी घटनाओं से दूर ही रहा.
बुरहान वानी का हुआ था वीडियो जारी
पिछले साल एक एनकाउंटर में मारे गए हिजबुल आतंकी बुरहान वानी का भी एक वीडियो जून में जारी हुआ था. जिसमें वह अमरनाथ यात्रियों को विश्वास दिला रहा था कि उन्हें आतंकियों द्वारा नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. यही स्थिति आतंकियों ने सोमवार की सुबह तक बनाए रखी थी.
बढ़ेगा तनाव
सोमवार की शाम हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीरियों के साथ ही कई लोगों को मानना है कि इससे कश्मीर और देश के दूसरे हिस्सों में तनाव बढ़ेगा. इससे पहले दर्शनार्थियों पर साल 2002 में बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इसमें पहलगाम क्षेत्र में 9 दर्शनार्थियों की मौत हुई थी. तब लश्कर-ए-तैयबा ने हमले की जिम्मेदारी ली थी.
हिजबुल का लिया गया सहारा
इस बार लश्कर-ए-तैयबा ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के लोकल आतंकियों का सहारा लेते हुए वारदात को अंजाम दिया. इस दावे को उस फोटोग्राफ से बल मिलता है, जिसमें दोनों संगठनों के आतंकी एक साथ नजर आए.
घाटी में कर्फ्यू हटने के कुछ घंटे बाद वारदात को दिया गया अंजाम
सूत्रों के अनुसार, शायह यह पहली बार हो कि अमरनाथ यात्रियों पर हमले में कश्मीर के सबसे बड़े आतंकी ग्रुप हिजबुल मुजाहिद्दीन का हाथ हो. यह हमला घाटी में कर्फ्यू और सोशल मीडिया से बैन हटने के कुछ घंटे बाद हुआ.