पटना
बिहार में महागठबंधन सरकार पर अब किसी भी वक्त बड़ा फैसला हो सकता है। डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव पर इस्तीफा का भारी दबाव बना रही जेडीयू ने अब अपना रुख और सख्त कर लिया है। पार्टी नेता अजय आलोक ने शुक्रवार को कहा कि नीतीश को सत्ता छोड़ने में 5 मिनट भी नहीं लगेंगे। उन्होंने कहा कि विधायकों के आंकड़े गिना रही आरजेडी किसी गलतफहमी में न रहे। इस बीच खबर है कि सरकार बचाने की कवायद में कई तरह के फॉर्म्युलों पर विचार किया जा रहा है। इसमें आरजेडी के सभी मंत्रियों के इस्तीफे का विकल्प भी शामिल है।
‘5 मिनट में सत्ता छोड़ देंगे नीतीश’
हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ से बातचीत में जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा, ‘यह महागठबंधन नीतीश के नेतृत्व में चल रहा है और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर उनकी छवि निष्कलंक रही है। समता पार्टी के वक्त से ही…पिछले 25 सालों से हमने इस छवि से कोई समझौता नहीं किया है और न आगे करेंगे। हमारा यही स्टैंड है, चाहे कुछ भी हो।’ यह पूछे जाने पर कि क्या नीतीश सत्ता में बने रहने के लिए इस मुद्दे पर देरी कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘आप सत्ता की बात करते हैं, हमें सिर्फ 5 मिनट लगेंगे सत्ता छोड़ने में। हम यहां सत्ता के लिए नहीं हैं।’ इशारों में आरजेडी पर निशाना साधते हुए अजय ने कहा, ‘हमारे लिए सत्ता का मतलब है लोगों की सेवा, हम यहां अपने स्वार्थ के लिए नहीं आए, हमारा मकसद प्रॉपर्टी बनाना नहीं है। नीतीश कुमार के लिए सत्ता का मतलब सिर्फ जनसेवा है।’
‘कोई गलतफहमी में न रहे’
यह पूछे जाने पर कि लालू और नीतीश का घर आसपास ही है तो फिर वह सीधे उनसे बात क्यों नहीं करते, जेडीयू नेता ने कहा कि सफाई देने का काम तेजस्वी यादव और आरजेडी का है और उन्हें यह करना चाहिए। उन्होंने आरजेडी के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें कहा गया था कि उसके पास 80 विधायक हैं। अजय आलोक ने कहा, ‘किसी को कन्फ्यूजन में नहीं रहना चाहिए। महागठबंधन के पास 178 विधायक हैं और सभी महागठबंधन के नाम पर चुने गए हैं। इनमें आरजेडी और जेडीयू के साथ कांग्रेस भी शामिल है। अगर किसी एक पार्टी के आंकड़े देखने हैं तो 2010 के आंकड़े याद कर लीजिए, तो आपको पता चल जाएगा कि किसका क्या आंकड़ा था। कोई गलतफहमी में न रहे।’
लालू का फॉर्म्युला
उधर तेजस्वी पर बढ़ते दबाव के बीच आरजेडी दूसरे विकल्प पर अब गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद ने अपने करीबियों को संकेत दिया है कि वह सरकार गिरने नहीं देंगे और जरूरत पड़ने पर तेजस्वी समेत अपने सभी मंत्रियों से इस्तीफा दिला देंगे और सरकार को बाहर से समर्थन देंगे। लालू के करीबियों के अनुसार वह यह संदेश नहीं देता चाहते हैं कि उनकी ओर से गठबंधन को कमजोर किया जा रहा है। हालांकि आरजेडी नेता ऑन रेकार्ड फिलहाल ऐसी किसी संभावना से इनकार कर रहे हैं।
तल्ख बयानबाजी जारी
इस बीच आरजेडी और जेडीयू, दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर बयानों के तीर भी चलाए, जिससे तल्खी और बढ़ी है। जेडीयू ने फिर साफ कर दिया है कि तेजस्वी को हटाए बिना अब मामले पर कोई बात नहीं होगी। जेडीयू सूत्रों ने कहा कि बहुत जल्द इस मामले में ‘कार्रवाई’ होगी, जिसके मायने यह निकाले जा रहे हैं कि तेजस्वी को इस्तीफा न देने पर नीतीश बर्खास्त भी कर सकते हैं। जेडीयू के एक सीनियर नेता ने कहा कि अगले 100 घंटे के अंदर स्थिति साफ हो जानी चाहिए।
कांग्रेस का स्टैंड
कांग्रेस भी इस मामले में अब किसी का पक्ष न लेकर बीच-बचाव की मुद्रा में आई है। पार्टी ने शुरू में तेजस्वी को सपॉर्ट करने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में राहुल की नीतीश के साथ हुई बातचीत में इस स्टैंड में बदलाव आ गया। बहरहाल, महागठबंधन सरकार को लेकर अब तीन तरह की संभावनाएं नजर आ रही हैं:
संभावना 1
नीतीश और कांग्रेस की ओर से दबाव के बाद तेजस्वी इस्तीफा दे देंगे और लालू अपने पसंदीदा नेता को डेप्युटी सीएम बना देंगे। तेजस्वी संगठन में अधिक सक्रिय हो जाएंगे। इससे मौजूदा राजनीतिक संकट समापत हो सकता है।
संभावना 2
अगर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव अड़े रहे और नीतीश भी समझौता करने को तैयार नहीं हुए तो आरजेडी के सभी मंत्री नीतीश सरकार से हट जाएंगे और पार्टी बाहर से समर्थन देती रहेगी। इससे राजनीतिक तनाव तो बना रहेगा लेकिन सरकार से खतरा हट जाएगा।
संभावना 3
लालू प्रसाद और तेजस्वी अड़े रहेंगे और नीतीश मजबूर होकर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इस परिस्थिति में महागठबंधन बिखर सकता है।