वॉशिंगटन
अमेरिका ने पाकिस्तान को एक और करारा झटका देते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर मिलने वाला फंड रोक दिया है। पेंटागन ने वित्त वर्ष 2016 के लिए सैन्य प्रतिपूर्ति (Military Reimbursements) देने से इनकार कर दिया है। एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, पेंटागन का यह फैसला डिफेंस सेक्रटरी जिम मैटिस द्वारा कांग्रेस को यह बताए जाने के बाद आया है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है।
पेंटागन के प्रवक्ता ने एडम स्टम ने कहा, ‘नैशनल डिफेंस अथॉराइजेशन ऐक्ट (NDAA) के तहत वित्त वर्ष 2016 के लिए पाकिस्तान सरकार को फंड नहीं जारी किया जा सकता है, क्योंकि सेक्रटरी ने यह प्रमाणित नहीं किया कि हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई की गई है।’
गौरतलब है कि US की प्रतिनिधि सभा ने पाकिस्तान को रक्षा क्षेत्र में मदद के लिए दी जाने वाली अमेरिकी फंडिंग की शर्तों को और सख्त बनाने के लिए पिछले दिनों 3 विधायी संशोधनों पर वोट किया है। इसमें शर्त रखी गई है कि वित्तीय मदद दिए जाने से पहले पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संतोषजनक प्रगति दिखानी होगी।
ये सभी शर्तें पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को दी जा रही मदद से संबंधित हैं। इसे लेकर पहले भी कई शीर्ष अमेरिकी अधिकारी और सांसद चिंता जताते रहे हैं। कांग्रेस की निचली सदन ने 651 अरब डॉलर वाले NDAA 2018 के इन तीनों विधायी संशोधनों को ध्वनिमत से पारित किया था। सदन में पारित इस विधेयक के कारण अब सेक्रटरी ऑफ डिफेंस जेम्स मैटिस को पाकिस्तान को फंड देने से से पहले यह प्रमाणित करना होगा कि इस्लामाबाद आतंकवाद के खिलाफ ऐक्शन ले रहा है।