आपातकाल के दौर पर आधारित हिन्दी फिल्म ‘इंदु सरकार ‘ की रिलीज़ से जुड़े विवाद पर फैसला सुनाते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म की रिलीज़ को मंजूरी दे दी है। दरअसल एक याचिकाकर्ता ने इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उसका कहना था कि इस फिल्म में गांधी परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि खुद को दिवंगत संजय गांधी की जैविक पुत्री बताने का दावा करने वाली एक महिला ने 28 जुलाई को रिलीज़ हो रही फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की गई थी। यह फिल्म 1975 से 1977 के आपातकाल के दौर पर आधारित है। उधर, एक अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मधुर भंडारकर की इस फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा मिली मंजूरी को वापस लेने का अनुरोध किया था। यह फिल्म 28 जुलाई को प्रदशर्ति होने वाली है जिसकी कांग्रेस ने जोरदार आलोचना की है। प्रिया सिंह पॉल नाम की इस महिला का आरोप था कि मधुर भंडारकर के निर्देशन वाली फिल्म में मनगढ़ंत तथ्यों की भरमार है और यह पूरी तरह अपमानजनक है और यह पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी और उनके पुत्र संजय की छवि को खराब करती है।
पॉल के वकील ने कोर्ट में दावा किया था कि भंडारकर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि इस फिल्म में 30 प्रतिशत तथ्य और 70 प्रतिशत कल्पना है। याचिकाकर्ता का दावा है, ‘मेरी जैविक दादी प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी) थीं। फिल्म में पूरी तरह अपमानजनक तथ्यों की भरमार है और एक फिल्म के लिए इन व्यक्तियों की छवि खराब करना बहुत ही भयानक है।’ याचिका में बंबई हाई कोर्ट के 24 जुलाई के आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए उसकी याचिका खारिज कर दी गई थी।