Home Uncategorized नागपंचमी विशेषः साल में सिर्फ 24 घंटे के लिए खुलते हैं इस...

नागपंचमी विशेषः साल में सिर्फ 24 घंटे के लिए खुलते हैं इस मंदिर के पट

0
SHARE

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट ठीक एक साल बाद खुल गए. नागपंचमी के मौके पर गुरुवार रात 12 बजे से इस मंदिर में दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया. महज 24 घंटे के लिए खुले रहने के बाद शुक्रवार रात को एक बार फिर मंदिर के पट साल भर के लिए बंद हो जाएंगे.

दरअसल, महाकालेश्वर की प्रतिमा दक्षिणमुखी है. तांत्रिक परम्परा में प्रसिध्द दक्षिण मुखी पूजा का महत्व बारह ज्योतिर्लिंगों में केवल महाकालेश्वर को ही प्राप्त है. ओंकारेश्वर में मंदिर की ऊपरी पीठ पर महाकाल मूर्ति की तरह इस तरह मंदिर में भी ओंकारेश्वर शिव की प्रतिष्ठा है. तीसरे खण्ड में नागचंद्रेश्वर मंदिर है, जिसमें दर्शन दर्शन केवल नागपंचमी को होते है.

रात 12 बजे मंदिर के पट खुलते ही सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के महंत ने पूजन किया. इस विधिवत पूजन के बाद ही श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ. नागपंचमी के दिन दोपहर 12 बजे प्रशासन की तरह से शासकीय पूजन होता है.

नागचन्द्रेश्वर मंदिर की कुछ खास बातें:
1.परंपरा अनुसार सिर्फ नागपंचमी के दिन ही मंदिर के पट खोले जाते हैं
2.नागचन्द्रेश्वर मंदिर में प्रतिमा के आसन में शिव-पार्वती की सुन्दर प्रतिमा स्थित है जिसमें छत्र के रुप में नाग का फन फैला हुआ है.
3.सातवीं शताब्दी की यह दुर्लभ प्रतिमा नेपाल से लाकर महाकाल मंदिर के शीर्ष पर स्थापित की गई थी.
4.भगवान यहां लिंग रूप में भी स्थापित हैं.
5.ये मंदिर जमीन से लगभग 60 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं.
6.इस मंदिर में पहुचने के लिए प्राचीन में इसका रास्ता संकरा और अंधेरा वाला था.
7.पहले एक समय में एक ही व्यक्ति चढ़ सकता था.
8.कई साल पहले मंदिर में दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति और जिला प्रशासन ने लोहे की सीढियां का रास्ता अलग से बना दिया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here