हागठबंधन से रिश्ता तोड़ने के बाद बीजेपी के साथ बिहार में सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार की पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को ही समर्थन देगी। जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से हाथ मिलाने से पहले ही गांधी को वोट देने की घोषणा कर दी थी। इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में जेडीयू ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को वोट दिया था।
पार्टी नेता के.सी. त्यागी ने रविवार को कहा, ‘नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने से पहले ही उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार गोलपालकृष्ण गांधी के समर्थन की घोषणा कर दी थी और हम इस वादे को पूरा करेंगे। हमने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड नहीं बदला है।’ उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग 5 अगस्त को होगी।
जेडीयू ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ 20 महीने पुराने महागठबंधन को तोड़कर बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया और एक बार फिर बिहार में एनडीए की सरकार बनाई। 17 साल तक साथ रहने के बाद 2013 में नीतीश एनडीए से अलग हो गए थे। उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार एम. वैंकैया नायडू हैं और आंकड़े उनके पक्ष में हैं। माना जा रहा है कि उनकी जीत तय है। गुजरात में जेडीयू का एकमात्र विधायक राज्यसभा में कांग्रेस के साथ रहेगा या फिर बीजेपी उम्मीदवार को वोट करेगा। इस सवाल पर पार्टी का कहना है कि यह फैसला खुद विधायक को करना है। वह इसके लिए स्वतंत्र हैं।