ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने की मांग पहले भी होती रही है, लेकिन इसको कभी गंभीरता से नहीं लिया गया. इस बार जब आईसीसी खुद इसके लिए प्रयास कर रही है, ऐसे में दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड बीसीसीआई क्रिकेट के ओलंपिक में शामिल होने की राह में रोड़ा बना हुआ है.
अपने रुतबे को लेकर BCCI का अड़ियल रवैया
ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने के लिए सबकुछ ठीक चल रहा है, इंतजार है तो बस भारत की मंजूरी का. आईसीसी और आईओसी टी20 क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करना चाहते हैं. बीसीसीआई इसके लिए सहमत नहीं है. बीसीसीआई के ओलंपिक में शामिल न होने का मुख्य कारण उसकी स्वायत्ता खत्म है. बीसीसीआई नहीं चाहती कि उसकी स्वायत्ता पर कोई खतरा पैदा हो.
IOA से अपनी कमाई नहीं बांटना चाहता BCCI
बीसीसीआई के विरोध का दूसरा कारण राजस्व को लेकर है, अगर बीसीसीआई आईओए में शामिल होता है तो उसे अपना राजस्व बांटना होगा, जो बीसीसीआई बिल्कुल भी नहीं चाहता.आईसीसी, बीसीसीआई को राजी करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. बीसीसीआई जैसे धनी बोर्ड और भारत जैसी बड़ी टीम के बिना क्रिकेट के किसी बड़े टूर्नामेंट की कल्पना करना भी मुश्किल है.
भारत के शामिल होने पर ही प्रस्ताव पर विचार करेगी IOC
आईओसी ने ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करने के लिए आईसीसी से बड़ी टीमों और उसके खिलाडियों के खेलने का आश्वासन मांगा है. ऐसे में आईसीसी के लिए भारत के बिना एक कदम चलना भी मुश्किल है. आईओसी पहले ही साफ कर चुका है कि जब तक बड़ी टीमों और उसके बड़े खिलाडियों के खेलने आश्वासन नहीं मिलता आईओसी, आईसीसी के ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं करेगा.
ICC के पास सितंबर तक की डैड लाइन
आईसीसी के पास सितंबर तक का समय है, जिसके भीतर उसे आईओसी को अपना फैसला बताना है, ताकि इसके आगे की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके.सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति ने बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी से क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने संबंधित रिपोर्ट मांगी है.
बीसीसीआई अगर सहमत होता है तो 2024 के ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किया जा सकता है. ओलंपिक में क्रिकेट का आयोजन 1990 पेरिस ओलंपिक में किया गया था. 2024 पेरिस में होने वाला ओलंपिक एक बार फिर से ओलंपिक में क्रिकेट का वापसी स्थल बन सकता है. आईसीसी टी20 क्रिकेट को ओलंपिक में आयोजित करना चाहता है.