बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बीच ‘मतभेद ‘ की खबरों के बीच समाजवादी नेता विजय वर्मा ने शरद के एक नई पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं। शरद यादव के विश्वस्त माने जाने वाले और दो बार बिहार विधान परिषद सदस्य रहे विजय वर्मा ने शरद के महागठबंधन में बने रहने के लिए एक नई पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं, पर जेडीयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने इसे अफवाह बताया है।
जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने शरद की ‘नाराजगी ‘ को बुधवार को खारिज कर दिया। उधर, वर्मा ने मधेपुरा से फोन पर बताया कि शरद जी पुराने साथियों के संपर्क में हैं और राजनीतिक हालात पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए दल का गठन एक विकल्प है और उस पर संजीदगी से विचार किया जा रहा है। वर्मा ने दावा किया कि शरद ने जोर देकर कहा है कि वह धर्मनिरपेक्ष शक्ति वाले महागठबंधन में बने रहेंगे और इसी को जेहन रखते हुए वह कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी से मिले थे।
उन्होंने कहा कि शरद ने एनडीए सरकार में मंत्री के तौर पर शामिल होने से इनकार कर दिया है। यह पूछे जाने पर कि अन्य किन-किन लोगों से शरद यादव की बातचीत हुई है वर्मा ने नाम का खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा कि उनका सोशल नेटवर्क बहुत बड़ा है। होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई की प्राथमिकी पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के जनता के बीच स्पष्टीकरण नहीं देने पर नीतीश के महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी और उसके अन्य सहयोगी दलों के साथ प्रदेश में नई सरकार बनाने लेने पर चुप्पी साधे रहने के बाद जेडीयू के राज्यसभा सदस्य शरद ने इसको लेकर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जतायी है।
31 जुलाई को संसद के बाहर शरद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि जनादेश इसके लिए नहीं था और महागठबंधन के बिखरने को अप्रिय और दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। शरद के करीबी माने जाने के सी त्यागी ने इसे अफवाह बताते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य (बीजेपी के साथ हाथ मिलाने पर) व्यक्त किया है पर कभी नहीं कहा कि मेरा विरोध है। त्यागी ने कहा कि उन्होंने शरद को पिछले 40 सालों से बहुत करीब से देखा है और जानते हैं कि भ्रष्टाचार को लेकर वह लालू प्रसाद से अलग हुए थे, ऐसे में वह कैसे लालू के साथ जा सकते हैं।
जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने शरद के पार्टी से नाराज होने की मीडिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि सावन का महीना है, इसके बाद भादो और शरद आता है। कोई नाराजगी नहीं। जेडीयू के दो सांसदों अली अनवर और वीरेंद्र कुमार ने शरद से मुलाकात की थी। दोनों ने बीजेपी के साथ जाने के निर्णय का विरोध किया था। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से उनकी पार्टी के बीजेपी के साथ मिलने के बाद शरद के अशांत होने के बारे में पूछे जाने पर गत सोमवार को कहा था कि यह जरूरी नहीं सभी मुद्दे पर हर कोई राजी हो। किसी की अलग राय हो सकती है। महागठबंधन से अलग होने का निर्णय जेडीयू की प्रदेश इकाई ने लिया है, जिसका उन्हें पालन करना था।
उन्होंने कहा था कि जेडीयू केवल बिहार में एक क्षेत्रीय दल के तौर पर निबंधित है और उनके लिए पार्टी की प्रदेश इकाई के निर्णय के खिलाफ जाना उनके लिए संभव नहीं था। नीतीश ने कहा था कि आगामी 19 अगस्त को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में बुलाई गई है और उसमें इसको रखा जाएगा। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने महागठबंधन बिखराव के लिए नीतीश पर प्रहार करते हुए शरद से अपनी पार्टी की आगामी 27 अगस्त को पटना में आयोजित ‘बीजेपी हटाओ, देश बचाओ ‘ रैली में शामिल होने का न्योता दिया है और सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त करने के लिए देश भ्रमण करने की अपील की है।