जेपी ग्रुप की कंपनी जेपी इन्फ्राटेक के दिवालिया घोषित होने के बाद समूह को एक और बड़ा झटका लगा है। जेपी इन्फ्राटेक कंपनी के नोएडा व यमुना अथॉरिटी एरिया में जितनी भी प्रॉपटी हैं, उन सभी प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर 6 माह के लिए रोक लगा दी गई है। यही नहीं, जेपी इन्फ्राटेक के जितने भी बिल्डर प्रॉजेक्ट हैं, उनमें नई बुकिंग पर भी रोक लगा दी गई है।
नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) की तरफ से नियुक्त इंटरिम रिजॉलूशन प्रफेशनल अनुज जैन और केपीएमजी के सलाहकार रामकृष्ण शर्मा बुधवार को यमुना अथॉरिटी के ऑफिस पहुंचे। उन्होंने यमुना अथॉरिटी को इस कार्रवाई की जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि जेपी इन्फ्राटेक कंपनी का बोर्ड भंग कर दिया गया है इसलिए यह रोक लगाई गई है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही एनसीएलटी की इलाहाबाद बेंच ने जेपी इन्फ्राटेक के लोन डिफॉल्ट मामले में आईडीबीआई बैंक की इनसॉल्वंसी वाली याचिका स्वीकार की थी। उसने BSRR & Co के चार्टर्ड अकाउंटेंट अनुज जैन को इंटरिम रिजॉलूशन प्रफेशनल बनाया ताकि वह कोड के तहत कार्यवाही को बढ़ा सकें। जेपी का सबसे बड़ा अधूरा प्रॉजेक्ट नोएडा का विश टाउन प्रॉजेक्ट है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने 32,000 प्रस्तावित फ्लैट्स में से 5,500 से अधिक को हैंडओवर किया है। इस प्रॉजेक्ट में 305 टावर हैं। इनमें 250 अधूरे हैं।
जेपी इन्फ्राटेक उन 12 बड़ी कॉर्पोरेट लोन डिफॉल्टर्स में से है, जिनके खिलाफ नए कानून के तहत बैंकरप्सी की कार्यवाही शुरू की गई है। ऐसी दूसरी कंपनियों में भूषण स्टील, भूषण स्टील ऐंड पावर, इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स, लैंको इन्फ्राटेक, आलोक इंडस्ट्रीज और ज्योति स्ट्रक्चर्स शामिल हैं।