भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने 11 अगस्त तक करीब 81 लाख आधार नंबर को डीएक्टिवेट कर दिया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने यह जानकारी राज्य सभा में दी. हालांकि, उन्होंने बताया कि UIDAI ने राज्य, वर्ष और कारण की कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है.
चौधरी ने कहा कि आधार कानून, 2016 से पहले आधार नंबर को आधार लाइफ साइकिल मैनेजमेंट (एएलसीएम) गाइडलाइंस के मुताबिक डीएक्टिवेट या रद्द किया जाता था. उन्होंने बताया कि UIDAI के क्षेत्रीय कार्यालयों को आधार नंबर डीएक्टिवेट करने का अधिकार है. आधार (नामांकन और अपडेट) विनियम 2016 की धारा 27 और 28 में उल्लेखित विभिन्न कारणों से आधार नंबर को डीएक्टिवेट किया जाता है.
ऐसा क्यों हुआ
आधार कार्ड अब एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुका है. वित्तीय लेनदेन और सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में इसकी अनिवार्यता की वजह से हर किसी को इसे अपने पास रखना जरूरी हो गया है. UIDAI हेल्पलाइन और आधार पंजीकरण सेंटर के अधिकारियों के मुताबिक यदि आप अपने आधार का लगातार तीन सालों तक कोई इस्तेमाल नहीं करते हैं तो यह इनएक्टिव हो सकता है.
यदि पिछले तीन लगातार साल में आपके आधार का इस्तेमाल नहीं हुआ है, यानी, आपने इसे किसी बैंक खाते या पैन से लिंक नहीं किया है या ईपीएफओ को आधार डिटेल्स देने से लेकर पेंशन क्लेम करने जैसे दूसरे लेनदेन में इसका इस्तेमाल नहीं किया है, तो आपका आधार डीएक्टिवेट किया जा सकता है.
ऐसे करें आधार का स्टेट्स चेक और एक्टिव
UIDAI वेबसाइट (uidai.gov.in) के होमपेज पर आधार सर्विसेज टैब के नीचे ‘वैरिफाई आधार नंबर’ का विकल्प दिया गया है. जैसे ही आप ‘वैरिफाई आधार नंबर’ पर क्लिक करेंगे. ऐसे करने पर आप एक नए पेज पर पहुंच जाएंगे. नए पेज में अपना आधार नंबर और कैप्चर वर्ल्ड डालने के बाद वैरिफाई पर क्लिक करें. ऐसा करने के बाद अगर हरे रंग का सही का निशान आता है, तो मतलब है कि आपका आधार एक्टिव है.