पेइचिंग भारत और चीन के बीच डोकलाम में सीमा विवाद के बाद चीन की तरफ से लगातार युद्ध धमकियां मिल रही हैं। इस बीच चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने युद्ध की तैयारियों के तहत ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर खून इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि कई प्रांतों के अस्पताल ब्लड के इस्तेमाल को नियंत्रित कर रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, पीएलएल (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) द्वारा ब्लड बैंक को दूसरी जगह ट्रांसफर किया जा रहा है, साथ ही स्थानीय सरकार आपूर्ति को पूरा करने के लिए ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित कर रही है। ग्लोबल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ब्लड स्टॉक च्योचायको प्रांत में भूकंप से पहले 8 अगस्त को ट्रांसफर किया गया था, जिसे बाद में तिब्बत ट्रांसफर किए जाने की खबर है। उधर ग्लोबल टाइम्स ने चाइनीज अकैडमी ऑफ सोशल साइंस के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल स्ट्रैटिजी के डायरेक्टर के हवाले से कहा है कि अगर भारत अब डोकलाम से पीछे हट भी जाता है, तो भी चीन इस मामले पर शांत नहीं बैठेगा। उनका मानना है कि भारत का इससे पीछे हटना अब इस समस्या का हल नहीं है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को अपने व्यवहार का नतीजा भुगतना पड़ेगा। ग्लोबल टाइम्स ने चीन के हथियारों को लेकर फिर से पुराना राग अलापा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के हथियारों और सेना के अधिकारियों की गुणवत्ता भारत के मुकाबले काफी बेहतर है। रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि भले ही भारत ने पिछले दिनों यूएस और रूस से कई तरह के हथियार खरीदे हों, लेकिन चीन के हथियारों के तुलना में वे काफी हल्के हैं। चीन के इस सरकारी अखबार ने कहा है कि एयर फोर्स, हेलिकॉप्टर, दूर तक हमला करने वाले हथियार, हल्के वाहन आदि युद्ध में काफी महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं। हवा में युद्ध के लिए, चीन के पास जे-10सी, जे-11 फाइटर जेट, एच-6के बॉमर्स, जेड-10 हमलावर हेलिकॉप्टर और अन्य तरह के हथियार भी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सभी की गुणवत्ता और संख्या के मामले में भारत, चीन से काफी पीछे है। ग्लोबल टाइम्स का दावा है कि लॉन्ग रेंज रॉकेट आर्टिलरी में चीन न सिर्फ भारत से आगे है बल्कि दुनिया में सबसे बेहतर भी है।