Home राज्य अन्य ‘हीरा’ योजना ठंडे बस्ते में, फिलहाल नहीं मिटेगा UGC का वजूद

‘हीरा’ योजना ठंडे बस्ते में, फिलहाल नहीं मिटेगा UGC का वजूद

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यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के स्थान पर हायर एजुकेशन के लिए हायर एजुकेशन एम्पावरमेंट रेगुलेशन एजेंसी (HEERA) नाम का एक रेग्युलेटर लाने की केंद्र सरकार की योजना अब ठंडे बस्ते में जाती दिख रही है। एचआरडी मिनिस्ट्री अब UGC और AICTE को मजबूत करने के साथ ही हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस के लिए ‘ग्रेडेड’ ऑटोनॉमी का एक सिस्टम लाने पर विचार कर रही है।

एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर ने ईटी को बताया कि HEERA को लाने के लिए कानून में बदलाव के साथ ही नए रूल्स पेश करने होंगे। उन्होंने कहा, ‘हम ग्रेडेड ऑटोनॉमी के एक सिस्टम पर काम कर रहे हैं जिसमें टॉप 20 पर्सेंट इंस्टीट्यूट्स को रेग्युलेटरी अथॉरिटीज से अधिक स्वतंत्रता मिलेगी, अगले 40 पर्सेंट को 50 पर्सेंट स्वतंत्रता मिलेगी और बाकी के इंस्टीट्यूट्स पर नियंत्रण जारी रहेगा।’ इन इंस्टीट्यूट्स की ग्रेडिंग NAAC के स्कोरिंग सिस्टम के आधार पर होगी और टॉप 20 ‘इंस्टीट्यूशंस ऑफ एमिनेंस’ को 100 पर्सेंट ऑटोनॉमी दी जाएगी।

इसके अलावा मिनिस्ट्री UGC और AICTE दोनों का दायरा अलग करने पर भी विचार कर रही है। टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स की निगरानी AICTE के पास होगी और बाकी इंस्टीट्यूट्स UGC के तहत आएंगे। जावडेकर ने बताया कि HEERA जैसे किसी मैकेनिज्म के लिए रूल्स में बड़े बदलाव करने होंगे और इससे बेहतर मौजूदा सिस्टम में बदलाव करना और नए कानून का इंतजार करना होगा।

HEERA का उद्देश्य इंस्पेक्टर राज और उत्पीड़न पर लगाम लगाना था जिससे अक्सर UGC को जोड़ा जाता है। एक से अधिक रेग्युलेटरी अथॉरिटीज के स्थान पर एक रेगुलेटर लाने की योजना नई नहीं है। यशपाल कमेटी और नेशनल नॉलेज कमीशन के अलावा मौजूदा सरकार की ओर से बनाई गई हरि गौतम कमेटी ने इसका सुझाव दिया था। हालांकि, केंद्र सरकार के रिफॉर्म के एजेंडा में एजुकेशन सेक्

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