चार दिन के भीतर हुए दो रेल हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की पेशकश की लेकिन उन्हें इंतजार करने को कहा गया। माना जा रहा है कि बहुत जल्द कैबिनेट में फेरबदल होने वाला है और इसमें रेल मंत्रालय भी किसी और को सौंपा जा सकता है। कैबिनेट में कुछ नए लोगों को भी शामिल किया जा सकता है जो योजनाओं को जनता तक पहुंचा सकें।
सूत्रों के मुताबिक अर्थव्यवस्था का जानकार कोई सीनियर मंत्री या बीजेपी शासित राज्य का कोई वरिष्ठ नेता रेल मंत्रालय का कार्यभार संभाल सकता है। बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब सुरेश प्रभु के इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री इस संबंध में फैसला लेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सरकार को इस बात का अनुमान नहीं था कि सुरेश प्रभु प्रधानमंत्री से मुलाकात और इस्तीफे के पेशकश के बारे में ट्वीट करेंगे
इसके अलावा कृषि मंत्रालय में भी बदलाव की संभावना है। सरकार का ध्यान अब कौशल विकास और उद्यम को बढ़ावा देने पर होगा। पर्यावरण मंत्रालय अतिरिक्त प्रभार के अंतर्गत चलाया जा रहा है। संभव है कि इस मंत्रालय के लिए भी मंत्री नियुक्त किया जाए। रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी अरुण जेटली के पास है। ऐसे में रक्षा मंत्री की भी नियुक्ति की पूरी संभावना है। कैबिनेट में यह फेरबदल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 के आम चुनाव से पहले योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का सरकार प्रयास करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 सितंबर को चीन और म्यांमार के दौरे पर रवाना होने वाले हैं। इससे पहले ही मंत्रिमंडल में फेरबदल संभव है। मंत्रिमंडल में जेडीयू के नेताओं को भी शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से भी मंत्री नियुक्त हो सकते हैं। जेडीयू से एक कैबिनेट मंत्री और एक जूनियर के आने की संभावना है।