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5जी की सुगबुगाहट, ट्राई ने स्पेक्ट्रम नीलामी को लेकर चर्चा शुरू की

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देश में दूरसंचार सेवाओं की अगली यानी पांचवीं पीढ़ी (5जी) की सुगबुगाहट शुरू हो रही है। दूरसंचार नियामक ने स्पेक्ट्रम नीलामी के अगले दौर के लिए परामर्श प्रक्रिया आज शुरू की। इस चरण में 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी भी प्रस्तावित है। इसके साथ ही नियामक ने 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के मूल्यांकन प्रणाली को लेकर भी नये सिरे से विचार मांगे हैं क्योंकि पिछली नीलामी के कोई भी कंपनी इस स्पेक्ट्रम को खरीदने के लिए आगे नहीं आई थी।

नियामक ने अपने परामर्श पत्र में भागीदारों से पूछा है कि आगामी नीलामी कब होनी चाहिए। इसके साथ ही नियामक जानना चाहता है कि दूरसंचार कंपनियों पर वित्तीय दबाव को देखते हुए क्या नीलामी ‘चरणबद्ध तरीके’ से कराई जाए। सरकार की 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300-3400 मेगाहर्ट्ज व 3400 3600 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के उपयोग के अधिकारी की नीलामी की योजना है।

इस बीच सेल्युलर कंपनियों के शीर्ष संगठन सीओएआई ने सुझाव दिया है कि सरकार को इस साल स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह उद्योग ‘भारी वित्तीय संकट ‘ व ‘अनिश्चितताओं’ से गुजर रहा है। सीओएआई का कहना है कि 2019 शायद 5जी नीलामी के लिए ‘उचित ‘ समय होगा। सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए स्पष्ट रूपरेखा होना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि नीलामी कब होगी और सारी रणनीति को उस नई दूरसंचार नीति से कैसे संबद्ध किया जाएगा जो कि तैयार हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘अगर ट्राई परामर्श प्रक्रिया शुरू करना चाहता है तो इसमें कोई नुकसान नहीं। सवाल यह है कि वास्तव में नीलामी कब होगी और मूल्य व औपचारिकताएं नई दूरसंचार नीति से कैसे मेल खाती हैं।’ उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में व्यापक एकीकरण चल रहा है और दो कंपनियों के एकीकरण पर स्पेक्ट्रम धारिता को युक्तिसंगत बनाये जाने का मुद्दा सामने है। दूरसंचार नियामक ट्राई ने नौ बेंडों में स्पेक्ट्रम नीलामी के अगले चरण के लिए परामर्श की प्रक्रिया आज शुरू की है जिसमें 5जी बैंड का स्पेक्ट्रम भी है। देश में इस समय चौथी पीढ़ी की यानी 4जी सेवाओं की पहुंच बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

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