आंधी के साथ आई भीषण बारिश से मुंबई मंगलवार को थम गई। कई इलाकों में 200 मिमी़ से ज्यादा बारिश हुई। इससे कई अंदरूनी सड़कों पर यातायात ठप हो गया। ट्रेन सेवाएं रोकनी पड़ीं। बांद्रा-वर्ली सी लिंक जलभराव के कारण बंद कर दिया गया। वहीं उपनगरीय इलाकों को मुख्य मुंबई से जोड़ने वाले मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे को भी देर शाम बंद करना पड़ा। रोशनी कम होने के कारण एयरपोर्ट्स से उड़ानें कुछ समय के लिए रोक दी गई थीं। स्कूलों-कॉलेजों में जल्द छुट्टी करनी पड़ी। हालांकि फाइनेंशल मार्केट्स और बैंकों में कामकाज सामान्य रहा। सरकार ने बुधवार को स्कूलों-कॉलेजों में अवकाश की घोषणा की है। कुलमिलाकर हालात ऐसे बने कि लोगों को 26 जुलाई 2005 की वह खौफनाक रात याद आ गई, जब भीषण बारिश के बाद कई लोग अपनी कारों और घरों में फंसे रह गए थे और काफी तबाही हुई थी।
बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के अनुसार, शहर में 6 जगहों पर 5-6 घंटों में 200 मिमी़ से ज्यादा बारिश हुई। मौसम विभाग के पैमानों के मुताबिक, 115.6 से 204 मिमी़ तक बारिश को ‘बहुत ज्यादा’ माना जाता है। मौसम विभाग ने बुधवार दोपहर बाद भी बहुत ज्यादा बारिश की आशंका जताई है। विभाग के अनुसार, दक्षिण गुजरात और मध्य प्रदेश के ऊपर कम दबाव वाला क्षेत्र बनने के कारण ज्यादा बारिश हुई।
दोपहर बाद लोकल ट्रेन सेवा सभी तीन यानी सेंट्रल वेस्टर्न और हार्बर लाइनों पर रोक दी गई क्योंकि कई जगहों पर पटरियां एक फुट से ज्यादा पानी में डूब गई थीं। मुंबई पुलिस को एडवाइजरी जारी करनी पड़ी कि अगर पानी का स्तर कारों के टायरों से ऊपर चला गया हो तो लोग कारें छोड़कर पैदल अपने घरों की ओर जाएं। मुंबई एयरपोर्ट पर रनवे लगभग पूरे दिन ठप रहे। इससे उड़ानें प्रभावित हुईं। पैसेंजरों की संख्या के हिसाब से मुंबई देश का दूसरा बड़ा एयरपोर्ट है।