बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा को लेकर एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। पुलिस ने डेरा से जो दस्तावेज बरामद किए हैं, उनसे संकेत मिलता है कि डेरा ‘आत्मघाती दस्ता’ तैयार कर रहा था। ऐसा इसलिए किया जा रहा था ताकि डेरा प्रमुख पर चल रहे केसों को लेकर जांच एजेंसियाों पर दबाव बनाया जा सके।
डेरा के अनुयायियों में से एक इंदू इंसान ने 20 अक्टूबर, 2005 को डेरा को दिए एक हलफनामे में लिखा था, ‘मैंने अपना जीवन मानवता को समर्पित कर दिया है जिसे डेरा सच्चा सौदा द्वारा प्रोत्साहन दिया गया है। अगर मैं किसी दुर्घटना या किसी अन्य कारण से मरता हूं, तो इसके लिए मैं जिम्मेदार होऊंगा। किसी और को मेरी मौत का जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। मेरे वंशजों या परिवार में से किसी को भी डेरा को जिम्मेदार बताने का अधिकार नहीं होगा।’
सिरसा के रहनेवाले इंदू उन डेरा अनुयायियों में थे जिन्होंने सीबीआई द्वारा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर आपराधिक मामले चलाए जाने के बाद इसी तरह के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे। स्टैम्प पेपर पर बने ये दस्तावेज राम रहीम को ‘मानवता की सेवा के दौरान’ अपने सभी अनुयायियों के प्रति किसी भी जिम्मेदारी से मुक्त करते हैं। पुलिस के अधिकारियों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि डेरा अनुयायियों द्वारा ऐसे सैकड़ों दस्तावेज तैयार किए गए थे। 25 अगस्त को कोर्ट द्वारा बलात्कार का दोषी ठहराए जाने के बाद ये दस्तावेज सार्वजनिक रूप से सामने आना शुरू हो गए थे।
खुफिया विभाग के आईजी एके राव ने बताया, ‘हमारे पास खुफिया जानकारी थी कि इन दस्तों को फिर से सक्रिय किया जा रहा है।’ उन्होंने बताया, ‘साल 2005 में कुछ डेरा अनुयायियों ने आत्मबलिदान देने की कोशिश की थी। उनमें से कुछ इसमें सफल हो गए थे।’ सीबीआई जज द्वारा फैसले सुनाए जाने के दो दिन बाद 27 अगस्त को पुलिस ने अंबाला से दो लोगों को 38 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार भी किया था।