रेप केस में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम सिंह से बॉलिवुड ने भी किनारा कर लिया है। सिने ऐंड टेलिविजन आर्टिस्ट असोसिएशन (सिंटा) ने उनका वर्क परमिट रद्द कर दिया है। सिंटा के जॉइंट सेक्रेटरी अमित बहल ने शुक्रवार को एनबीटी से इस खबर की पुष्टि की है। बहल के अनुसार, 30 अगस्त को इस संबंध में फैसला लिया गया।
गुरमीत ने कुछ फिल्में भी की हैं, इनमें ‘द मेसेंजर ऑफ गॉड’ प्रमुख है। अमित बहल के अनुसार, ‘वर्क परमिट रद्द करने की वजह सिर्फ राम रहीम के खिलाफ पिछले पखवाड़े आया सीबीआई कोर्ट का फैसला ही नहीं था। कई और भी वजह थीं। उसने अपने लोगों के जरिए जिस तरह जुलाई 2016 में कमीडियन कीकू शारदा के खिलाफ हरियाणा में केस दर्ज करवाया था, सिंटा उस फैसले से बहुत नाराज थी। तब हमने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई थी और उसके खिलाफ बहुत कुछ बोला था कि उसने कीकू के खिलाफ गलत एफआईआर दर्ज करवाई। अभी तो गुरमीत सिंह के खिलाफ रेप के दो केस ही साबित हुए हैं। हमें शक है कि उसके खिलाफ रेप के पता नहीं कुछ और केस सामने न आएं।’
यहां उल्लेखनीय है कि कीकू ने एक शो के दौरान गुरमीत राम रहीम सिंह के गेट-अप में एक कॉमिक परफॉर्मेंस दी थी। इसके बाद राम रहीम के समर्थकों की शिकायत पर कीकू को हरियाणा पुलिस ने जुलाई 2016 में मुंबई आकर गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, बाद में राम रहीम ने कथित तौर पर उन्हें माफी दे दी थी और कोर्ट ने भी उन्हें एक लाख के मुचलके पर रिहा कर दिया था।
सिंटा के जॉइंट सेक्रेटरी अमित बहल कहते हैं कि वर्क परमिट अधिकतम दो साल का होता है। पहले एक साल, अगले साल फिर एक साल। उनके अनुसार, वर्क परमिट की स्कीम चार साल पहले शुरू हुई थी। इससे पहले सिर्फ रेग्युलर मेंबर्स और लाइफ मेंबर्स ही बनाए जाते थे। बाद में ऐसा माना गया कि चूंकि बहुत से कलाकर एक-दो साल काम करने के बाद इंडस्ट्री छोड़कर चले जाते हैं, इसलिए रेग्युलर या लाइफ मेंबर बनाने से पहले उन्हें सिर्फ वर्क परमिट ही दिया जाए। बहल कहते हैं कि पहले साल के वर्क परमिट देने के लिए हम 10 हजार रुपये फीस लेते हैं। एक साल पूरा होने के बाद जब इस वर्क परमिट को रिन्यू करते हैं, तो उस वक्त भी दस हजार रुपये बतौर फीस लेते हैं। 15 हजार फीस देकर तीसरे साल वह हमारा नियमित सदस्य बन सकता है। इसके बाद उसे 1200 रुपये महीने सालाना फीस देनी पड़ती है। यानी सौ रुपये महीना। पांचवें साल भी वह 1200 रुपये फीस देकर अपनी सदस्यता बरकरार रख सकता है। पांचवे साल के बाद उसके पास यह विकल्प रहता है कि वह हमारा रेग्युलर सदस्य रहेगा या लाइफ मेंबर रहेगा। यदि वह लाइफ मेंबर बनना चाहता है तो उसे एकमुश्त 15 हजार रुपये जमा करने पड़ेंगे।
ऐसा बताया जाता है कि बॉलिवुड के अलावा गुरमीत राम रहीम सुभाषचंद्र बोस पर बंगाली में फिल्म बनाने की भी योजना बना रहा था, पर सीबीआई कोर्ट के फैसले ने उसे अब कहीं का नहीं रखा।