Home राज्य अन्य अचानक सड़कों पर इतनी गायें क्‍यों नजर आ रहीं?

अचानक सड़कों पर इतनी गायें क्‍यों नजर आ रहीं?

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उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ‘शहरी क्षेत्रों में गाय का दूध निकालने के बाद लोग सड़क पर छोड़ देते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसा ही होता है. सबको गाय के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा’.आप ध्‍यान दीजिए अचानक सड़कों और गलियों में गायों और बछड़ों की संख्‍या बढ़ गई है. कहीं गाय प्‍लास्‍टिक खाती नजर आती है तो कहीं डिवाइडर और सड़क पर बैठी मिलती है. लगभग हर राज्‍य में यही स्‍थिति है.

गौरक्षकों के डर की वजह से अब इनकी खरीद-बिक्री भी काफी कम हो गई है. लोग डरे हुए हैं कि गाय को ले जाते देखते ही पिटाई हो सकती है. भले ही वह गाय पालने के लिए ही क्‍यों न जा रही हो.सड़क पर बेसहारा घूम रही गायों और बछड़ों की वजह से दुघर्टनाएं बढ़ रही हैं. इसकी तस्‍दीक करते हैं पंजाब गोसेवा आयोग के चेयरमैन कीमती लाल भगत. उन्‍होंने बताया कि ‘आयोग के एक सर्वे में पता चला है कि दो साल में 290 लोगों की मौत घुमंतू जानवरों (गाय, बछड़ों और सांडों) की वजह से हुई है’.

भगत के मुताबिक ‘करीब 20 फीसदी गायें सड़क पर बेसहारा घूम रही हैं. लोग दूध निकालकर उन्‍हें छोड़ देते हैं. अब हम ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाएंगे. इसकी पावर नगर निगम एक्‍ट में नगर निगमों को है. सभी जिलों में 25-25 एकड़ में गोशालाओं के शेड बनाए जा रहे हैं. पंजाब में 515 गोशालाओं में वहां के बेसहारा जानवर नहीं आ पा रहे हैं’.

हरियाणा गोसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला कहते हैं कि ‘इस समय प्रदेश में करीब 25 हजार पशु सड़कों पर घूम रहे हैं. मंगला इसकी वजह गोशालाओं में जगह की कमी बताते हैं. उनका कहना है कि जब हमने इन पशुओं को गोशालाओं में रखा तो वहां दिक्‍कत होने लगी. कुछ पशु मरने लग गए. इसलिए कुछ को बाहर निकाला गया है’.

मंगला दुखी मन से कहते हैं कि ‘मालिकों द्वारा रोज सुबह दूध निकालने के बाद उन्हें छोड़ दिया जाता है. ऐसे में पशु जगह की तलाश में भटकते रहते हैं. जिन गौशालाओं में आवारा पशुओं को रखा जाता है, उनमें जगह ही नहीं बची है. इसलिए यह समस्‍या ज्‍यादा बढ़ रही है’.

इसी साल कोटा (राजस्‍थान) में एक ऐसा वक्‍त आया था जब तीन माह तक बेसहारा पशुओं की धरपकड़ बंद रही थी. क्‍योंकि गोशालाओं में उन्‍हें रखने के लिए जगह ही नहीं थी. नगर निगम अधिकारियों ने कहा था कि यदि पशु पकड़कर गोशाला में ले जाते हैं और वे वहां मर जाते हैं तो इसके लिए निगम को ही जिम्मेदार माना जाता है.

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