शाही जिंदगी जीने वाले सिरसा डेरा मुखी गुरमीत सिंह राम रहीम पर लड़कियों के मामले में दोषी बाबा का कच्चा चिट्ठा दिन-प्रतिदिन खुलता जा रहा है. चरखी दादरी के गांव तिवाला के एक परिवार ने बाबा राम रहीम पर अपनी बेटी रेनू उर्फ श्रद्धा को डेरा द्वारा बंधक बनाने का आरोप लगाया है.
बिना मां-बाप की ये बच्ची आश्रम जाने के बाद आज तक तिवाला गांव वापस नहीं आई है. 2006 में श्रद्धा अपने भाई संय उर्फ जयजीत समेत डेरा सच्चा सौदा में पढ़ऩे के लिए गई थी. परिजनों की काफी दौड़-धूप के बाद जयजीत तो डेरा सच्चा सौदा के लोगों ने परिजनों को सौंप दिया है. लेकिन उनकी बेटी का अभी कोई अता-पता नहीं है. परिजनों ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को डेरा प्रबंधन द्वारा बंधक बनाया हुआ है. अब उन्हें यह भी नहीं पता कि वह जिंदा भी या नहीं.
परिजनों ने डेरा के कुछ लोगों पर आरोप लगाया कि बच्चों को निशल्क पढ़ाने व परवरिश की जाएगी. डेरा लोगों पर विश्वास करके उनकी मौसी राजेश देवी ने रेनू व संजय को सिरसा डेरा में भेज दिया. कुछ दिन बाद ही बेटी रेनू उर्फ श्रद्धा को परिवार से नहीं मिलने दिया गया.
हालांकि संजय उर्फ जयजीत कभी कभार चोरी-छिपे परिवार से मिलने आता रहा. 7 वर्ष से परिवार के लोग श्रद्धा से मिलने के लिए व्याकुल हैं. किसी तरह परिजन जयजीत को घर लाने में सफल रहे. लेकिन श्रद्धा के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. कुछ वर्ष पूर्व सच्चा सौदा डेरा से प्रकाशित सच्ची शिक्षा पत्रिका में श्रद्धा का फोटो देखकर उन्हें पता चला कि उनकी बेटी की शक्ल ऐसी है और वह जिंदा है. लेकिन अब उन्हें कोई जानकारी नहीं कि वह कहां है.
वहीं श्रद्धा के भाई परमिंद्र का कहना है कि उसकी बहन जिंदा है या नहीं कोई जानकारी नहीं है. भाई जयजीत को घर ले आए हैं लेकिन बहन श्रद्धा कहां है जानकारी नहीं मिल रही है. हालांकि वे ग्रामीणों के साथ कई बार सिरसा में प्रशासनिक अधिकारियों से मिल चुके हैं. लेकिन उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिल पा रहा है. हारकर उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगाई है.