हर साल की तरह इस बार भी नाच-गाकर और धूमधाम से भक्तों ने भगवान गणेश को विदा किया। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में एक साथ चल समारोह भी निकाले गए। मंगलवार सुबह से शुरू हुआ ये सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।शहर के रानी कमलापति घाट और भदभदा स्थित प्रेमपुरा घाट पर प्रतिमाएं विसर्जित की गई। पर्यावरण प्रेमी हजारों लोग गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन घरों में ही गमलों, टंकियों आदि स्वच्छ पात्रों में किया। हालांकि नगर निगम द्वारा शहर के सभी 85 वार्डों में विसर्जन पात्र रखवाए गए थे।
गत वर्षों की तुलना में इस वर्ष शहर में ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का निर्माण अधिक संख्या में किया गया है। इन प्रतिमाओं को अपने हाथों से बनाते समय ही बहुत से लोगों ने संकल्प लिया था कि वे इन प्रतिमाओं का विसर्जन अपने घर में ही गमले, बगीचों व टंकी आदि पात्रों में करेंगे। गायत्री परिवार द्वारा, गायत्री शक्तिपीठ एमपी नगर, गायत्री चेतना केंद्र कोलार, मिनाल मॉल, लालघाटी, प्रज्ञापीठ बरखेड़ा, अवधपुरी चौराहा व कोच फैक्ट्री चांदबड़ क्षेत्र में विसर्जन पात्र रखे गए हैं। शक्तिपीठ के रमेश नागर ने बताया कि पर्व की पूर्व बेला में शक्तिपीठ में रखे पात्र में कई लोगों ने प्रतिमाएं विसर्जित कीं।