दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने जीबी रोड के कोठों के असली मालिकों का पता लगाने की कवायद तेज कर दी है। करोड़ों के देह व्यापार से जुड़े इस इलाके में कोठा मालिकों और कुछ राजनेताओं के बीच साठगांठ की रिपोर्ट कई बार सामने आ चुकी है। गुरुवार को महिला आयोग ने 125 कोठा मालिकों को नोटिस जारी किया है।
डीसीडब्ल्यू की तरफ से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक अलग-अलग एजेंसियों ने एक ही कोठे के अलग-अलग नाम के मालिक होने की जानकारी दी है। जिन मालिकों ने समन लेने से इनकार किया, उनके कोठे के बाहर नोटिस चिपका दिया गया है।
कमिशन की तरफ से जारी समन में कोठा मालिकों को 21 से 24 सितंबर के बीच अपनी असली आईडी और अड्रेस प्रूफ के साथ व्यक्तिगत रूप से आयोग के सामने हाजिर होने को कहा है। डीसीडब्ल्यू का यह कदम सैकड़ों बेगुनाह महिलाओं और लड़कियों को देह व्यापार के दलदल से निकालने की दिशा में बड़ी पहल के तौर पर देखा जा रहा है।
इससे पहले डीसीडब्ल्यू ने अध्यक्ष स्वाति जयहिंद के नेतृत्व में एक कमिटी बनाई थी। इसमें दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, उत्तरी दिल्ली एमसीडी, जिला मैजिस्ट्रेट, दिल्ली जल बोर्ड, बीएसईएस, फायर डिपार्टमेंट के प्रतिनिधि और कई एनजीओ भी शामिल हैं। समन जारी करने के बाद अलग-अलग अथॉरिटी से कोठा मालिकों की डीटेल ली गई है।
लीगल काउंसलर प्रिंसी गोयल और मोबाइल हेल्पलाइन कोऑर्डिनेटर किरन नेगी की अगुवाई वाली डीसीडब्ल्यू टीम ने कोठा मालिकों को समन दिया है। यह एक कड़वा सच है कि जीबी रोड देह व्यापार का एक बड़ा अड्डा है। देश के अलग-अलग इलाकों से यहां युवतियों को लाया जाता है, जिनमें से बहुत सारी नाबालिग होती हैं। सामाजिक संगठनों की रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन यहां एक लड़की से 30 से ज्यादा लोग रेप करते हैं। उन्हें यहां अमानवीय हालात में रखा जाता है।’पीएम तो राहुल और केजरीवाल को भी फॉलो करते हैं’