देश में अब तक लगभग 34 करोड़ सिम कार्ड आधार से लिंक कराए जा चुके हैं। सरकार अगले साल फरवरी तक सभी सिम कार्ड्स को आधार से लिंक कराने पर जोर दे रही है। इस समय देश में लगभग 128 करोड़ मोबाइल फोन कनेक्शन हैं। बैंक अकाउंट को तो पैन या आधार से ऑनलाइन लिंक करने की सुविधा थी, लेकिन सिम को आधार से लिंक कराने के लिए मोबाइल ऑपरेटर के सर्विस सेंटर पर जाना पड़ रहा है।
ईटी के पास जुलाई तक उपलब्ध डेटा के मुताबिक, 33.8 करोड़ सिम कार्ड्स आधार पर जारी हुए हैं या फिर आधार ईकेवाईसी के जरिए उनको लिंक कराया गया है। यानी यूजर की पहचान के लिए उनकी अंगुलियों के निशान लिए जा चुके हैं। इस हिसाब से लगभग एक चौथाई सिम आधार से लिंक हो चुके हैं।
इससे यह मतलब भी निकाला जा सकता है कि तीन चौथाई यूजर्स को अपनी आधार डीटेल के साथ टेलिकॉम ऑपरेटर के सर्विस सेंटर पर कतार में खड़ा होना पड़ेगा। उनको फरवरी 2018 से पहले अपनी अंगुलियों के निशान देने होंगे, नहीं तो उनका कनेक्शन डिऐक्टिवेट हो जाएगा।
एक सीनियर सरकारी अफसर ने ईटी को बताया, ‘मोबाइल फोन की ऑनलाइन लिंकिंग में सुरक्षा संबंधी खतरे हैं। अगर कोई जालसाज आपका आधार नंबर, नाम और दूसरी डीटेल जानता है, तो वह किसी भी मोबाइल नंबर को आपके आधार से लिंक करा सकता है। किसी अपराध में उस नंबर का इस्तेमाल होने पर पुलिस आपके घर आ धमकेगी।’
यूआईडीएआई के जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे बड़े ऑपरेटर एयरटेल के 35.01 करोड़ सब्सक्राइबर्स में 7.55 करोड़ यूजर्स अपना सिम आधार से लिंक करा चुके हैं। आइडिया के 26.08 करोड़ में से 7.99 करोड़ जबकि वोडाफोन के 25.9 करोड़ में से 4.5 करोड़ आधार से लिंक हो चुके हैं।
रिलायंस जियो ने नये कनेक्शन आधार ईकेवाईसी से जारी किए हैं जिसकी लिंकिंग सबसे ज्यादा है। जुलाई तक उसके 12.32 करोड़ कनेक्शंस में 10.78 करोड़ आधार लिंक हो चुके थे। इसके मुकाबले एयरसेल के 9.43 करोड़ में सिर्फ 1.16 करोड़ कनेक्शन आधार से जुड़े हैं।
सरकार सभी मोबाइल सिम को आधार से लिंक कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का हवाला दे रही है। इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने लोकनीति फाउंडेशन की तरफ से फाइल केस में ऑर्डर जारी किया था। कोर्ट ने ऑर्डर में कहा था कि सभी मोबाइल फोन सब्सक्राइबर्स के मोबाइल फोन के डीटेल और अड्रेस को सालभर के भीतर दोबारा वेरिफाई करना होगा।
आधार ईकेवाईसी के जरिए नये सिम जारी करने के लिए केंद्र की तरफ से बनाई गई व्यवस्था के जरिए सब्सक्राइबर्स को यह काम कराना था। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम ने अगस्त 2016 में नये सिम कार्ड के लिए आधार ईकेवाईसी को इजाजत दी थी। इससे कस्टमर्स का सिम चंद मिनटों में ऐक्टिवेट हो जाता है जबकि डॉक्यूमेंट्स की हार्ड कॉपी जमा कराने पर 1 से 2 दिन लग जाते थे