प्रदेश के प्राइवेट स्कूल अगर छात्र-छात्राओं की सुरक्षा में कोताही बरतेंगे तो उनकी मान्यता समाप्त की जा सकती है। छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर समय-समय पर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूलों का निरीक्षण करना होगा। अगर कोई कमी पाई जाती है तो संभागीय संयुक्त संचालक स्कूल की समाप्त कर सकते हैं। यह निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए हैं। ग़ुडगांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के एक छात्र की बाथरूम में हत्या के बाद प्रदेश के स्कूलों में सुरक्षा सख्त इंतजाम किए जा रहे हैं।
शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि अगर संभव हो तो छात्रों के माता-पिता से मिलें। उनके बीच संवाद होगा तो बच्चों की समस्याएं हल होंगी और इस तरह की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकेगा। विभाग ने स्कूलों को अपने यहां शिकायत पेटी रखने के लिए भी कहा है। प्राचार्य को रोज इसे खोलकर देखना होगा। अगर कोई शिकायत आती है तो गंभीरता से उसके निराकरण की जिम्मेदारी प्राचार्य की होगी।
अंतिम बच्चे के बस से उतरने तक महिला स्टाफ हो
जिन स्कूलों में बसों से छात्र आते-जाते हैं वहां की बसों में अंतिम छात्र के उतरने तक महिला कंडक्टर या महिला शिक्षक का होना अनिवार्य किया गया है। बच्चों के साथ होने वाली छेड़खानी या लैंगिक अपराधों को रोकने यह प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि अभी कई स्कूलों की बसों में इस तरह की व्यवस्था नहीं है। टीचर अपना स्टाप आने पर उतर जाती हैं। लेकिन अब उन्हें अंतिम बच्चे के उतरने तक बस में रहना होगा। जांच में अगर ऐसा नहीं पाया जाता है तो संबंधित स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों को मान्यता लेने के दौरान उनके यहां के रजिस्ट्रीकृत वाहनों की सूची लगाना भी अनिवार्य किया गया है।