मध्य प्रदेश की भोपाल सेंट्रल जेल से भागे सिमी के कुख्यात 8 आतंकवादियों के एनकाउंटर में जान की परवाह किए बगैर सहयोग करने वाले ग्रामीण नौजवान अब खुद को ठगा सा पा रहे हैं. क्योंकि पिछले दो अक्टूबर को सीएम के हाथों इनका सम्मान करवाया गया, जिसमें इन्हें 5 लाख की राशि और स्वयं की आत्मरक्षा के लिए एक बारह बोर बन्दूक का लाइसेंस देने की बात कही गई थी.
भोपाल की सीमा से सटे खेजड़ा गांव के निवासी विनोद मीणा अब्बास नगर चौराहे के मदरसे में सुरक्षा गार्ड का काम करते थे. सेंट्रल जेल ब्रेक के बाद अलसुबह 4 बजे खुद एसटीएफ के आईजी ने इस ग्रामीण से मदद मांगी. पूरे इनकाउंटर में विनोद साथ रहा और एसटीएफ की भरपूर मदद की.
पुलिस ने खूब पीठ थपथपाई. इनाम और मदद के आश्वासन भी दिए. सीएम के हाथों विनोद का सम्मान भी हुआ और घोषणा हुई की बहादुरी के लिए ग्रामीण सहयोगियों को 5 लाख और आत्मरक्षा के लिए एक बारह बोर बन्दूक का लाइसेंस दिया जाएगा.
जब विनोद सीहोर कलेक्ट्रेट पहुंचा और शस्त्र लाइसेंस का निवेदन कलेक्टर तरुण पिथौरे से किया तो उन्होंने जबाब देकर युवक को चलता कर दिया. इस मामले में डीएम ने भी कुछ कहने से इनकार किया.