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एक महिला बच्चे पैदा कर सकती है तो फिल्म भी बना सकती है: टिस्का चोपड़ा

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बॉलिवुड में महिलाओं के लिए काफी बदलाव आया है, लेकिन टिस्का चोपड़ा को लगता है कि अभी भी काफी कुछ बदलना बाकी है। अभिनेत्री का मानना है कि फिल्म उद्योग में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए महलिाओं को खुद आगे आना होगा और लेखन, निर्माण और निर्देशन को अपने हाथों में लेना होगा। टिस्का सुपरहिट फिल्म ‘तारे जमीं पर’ में अपनी भूमिका के बाद चर्चा में आईं थीं।

टिस्का ने कहा, ‘चीजें बदल रही है लेकिन अभी बहुत कुछ बदलना बाकी है। बहुत ज्यादा कुछ नहीं बदला है और बदलाव की रफ्तार में तेजी लानी होगी, जिसके लिए महिलाओं को लेखन, निर्माण और निर्देशन करना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘महिलाओं का नजरिया महिलाओं का ही नजरिया होता है। अगर एक महिला बच्चे पैदा कर सकती है तो वह निश्चित तौर पर फिल्म भी बना सकती है।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने एक शॉर्ट फिल्म ‘चटनी’ बनाई थी। मेरी अगली शॉर्ट फिल्म तैयार है और हम तीसरी फिल्म पर काम कर रहे हैं। तीसरी फिल्म का शीर्षक ‘दिल्ली वाले भाटिया’ हैं। हम इसे लोगों के सामने लाने को लेकर बहुत उत्साहित हैं। ‘चटनी’ उनके प्रॉडक्शन बैनर द ईस्टर्नवे की पहली फिल्म थी। टिस्का ने 1993 में ‘प्लैटफार्म’ के साथ बॉलिवुड में कदम रखा था और वह ‘तारे जमीं परट, ‘फिराक’, ‘किस्सा- द टेल ऑफ ए लोनली घोस्ट’, टीवी शो ’24’ और ‘घायल वंस अगेन’ जैसी फिल्मों और शोज में अपने दमदार अभिन्य से अपनी खास पहचान बना चुकी हैं।

उनकी फिल्म ‘द हंगरी’ का टोरंटो इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल (टीआईएफएफ) 2017 में प्रीमियर हुआ था। ‘दि सिलेक्शन’ सीरीज के भाग के रूप में, टीआईएफएफ में पहले प्रदर्शित कुछ लोकप्रिय फिल्मों को सितंबर 17 तक स्टार मूवीज सिलेक्ट एचडी पर प्रसारित किया जाएगा। काफी लंबे से भारतीय फिल्म इंटस्ट्री में सक्रिय रहने के बाद, टिस्का को उम्मीद है कि ‘बिना सिर पैर की कहानियों’ के स्थान पर फिल्मों में अच्छे कॉन्टेंट पर अधिक महत्व दिया जाएगा।

‘द हंगरी’ विलियम शेक्सपियर के ‘टाइटस एंड्रोनिकस’ पर आधारित है। इसमें नसीरुद्दीन शाह, नीरज काबी, अर्जुन गुप्ता, सयानी गुप्ता, एंटोनियो अकील और सूरज शर्मा जैसे सितारे भी हैं। इस फिल्म में ताकत और प्रेम के बीच मौजूद हिंसा को दर्शाया गया है। फिल्म में टिस्का तुलसी जोशी के किरदार में हैं। ‘द हंगरी’ के बारे में बात करते हुए टिस्का ने कहा, ‘नसरुद्दीन सर के साथ शेक्सपियर पर काम करने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। बतौर अभिनेत्री यह किरदार मेरे द्वारा निभाए गए किरदारों में सबसे चुनौतीपूर्ण था। मैं सामन्य तौर पर कड़ी मेहनत करती हूं, लेकिन इस बार मैंने थोड़ी ज्यादा मेहनत की। यह मेरे लिए एक नया अनुभव है जिसने मुझे अभिनेत्री के तौर पर एक नया आयाम दिया है।’

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