रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजे जाने के फैसले को सही ठहराते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जहां हलफनामा दाखिल किया है वहीं विवादास्पद बयानों को लेकर सुर्खियां बटोरने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह रोहिंग्या के मुद्दे में कूद पड़े हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान को रोहिंग्या मुसलमानों को अपने यहां शरण दे देनी चाहिए क्योंकि वैसे भी ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का सरगना मसूद अजहर उनका बहुत मुरीद है। उल्लेखनीय है कि आतंकी मसूद अजहर रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में खड़ा हुआ है। उसने इस मुद्दे पर दुनियाभर के मुसलमानों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि हमें जल्द ही कुछ करना चाहिए। उसने कहा, ‘ये म्यांमार मुस्लिमों का बलिदान ही है कि पूरी दुनिया में मुस्लिम समाज एक जुट हो गया है।’
इधर, कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और सीमापार से घुसपैठ की लगातार कोशिशों का जिक्र करते हुए गिरिराज ने कहा कि भारत में और घुसपैठियों को सहने की क्षमता नहीं है, इसलिए रोहिंग्या मुसलमानों को जाना होगा। केंद्रीय मंत्री ने सरकार का रख दोहराया कि रोहिंग्या अवैध प्रवासी हैं जो भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
केंद्रीय मंत्री ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना का जिक्र करते हुए कहा कि अगर मसूद अजहर को रोहिंग्या मुसलमान इतने प्रिय हैं तो बेहतर होगा कि पाकिस्तान उन्हें ले ले। अगर पाकिस्तान की सरकार के समर्थन वाला उस देश का आतंकी नेता अजहर यह कह रहा है तो पाकिस्तान की सरकार को उन्हें ले जाना चाहिए। गिरिराज ने कहा कि मानवता कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने रोहिंग्या समुदाय का समर्थन कर रहे नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि इन्हें भी कह दिया जाना चाहिए कि वे रोहिंग्या समुदाय के लोगों को पाकिस्तान भेज दें। उनका यह बयान रोहिंग्या मुसलमानों को निर्वासित करने के सरकार के फैसले की आलोचना की पृष्ठभूमि में आया है। ये लोग म्यांमार के हिंसा प्रभावित रखाइन प्रांत को छोड़कर आए हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को रोहिंग्या शरणार्थियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। सरकार ने कोर्ट को बताया है कि अवैध रोहिंग्या शरणार्थी देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। हलफनामे में रोहिंग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से कनेक्शन होने की बात करते हुए उन्हें किसी कीमत में भारत में रहने की इजाजत नहीं देने की बात कही गई है। इससे पहले केंद्र सरकार ने 9 अगस्त को संसद में कहा था कि भारत में 14 हजार से अधिक रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं।