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MP : तालाब खुदा ही नहीं और उस पर खर्च हो गए 7.50 करोड़ रुपए

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ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने श्योपुर जिले में नए तालाब बनाने और पुराने तालाबों का गहरीकरण करने के लिए मार्च में 14 करोड़ 79 लाख रुपए का बजट दिया था। इन 14.79 करोड़ में से करीब साढ़े 5 करोड़ रुपए से श्योपुर व कराहल जनपद में 77 पुराने तालाबों का गहरीकरण होना था और करीब 9 करोड़ रुपए से विजयपुर जनपद की सभी 90 ग्राम पंचायताें में एक-एक नया तालाब खोदा जाना था।

विजयपुर जनपद की 90 में से कई ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जिन्होंने नए तालाब के नाम पर पांच फीट का गड्ढा भी नहीं खोदा फिर भी करोड़ों रुपए खर्च बता दिए। इसी तरह जिन पंचायतों को पुराने तालाबों की गहराई का काम दिया गया उन्होंने, गहराई के नाम पर कहीं-कहीं गड्ढे खुदवाकर 2 से 4 लाख रुपए खर्च बता दिए हैं। तालाबों को बनाने के नाम पर जिले में 7 करोड़ 50 लाख रुपए से ज्यादा खर्च होना बताए जा रहे हैं ,लेकिन 167 तालाबों में से एक भी तालाब ऐसा नजर नहीं आ रहा जो सरकार की मंशा के अनुरूप बना हो।

उदाहरण ऐसे समझिए कि, विजयपुर जनपद की चिलवानी और मगरदा पंचायत के दुबेरा गांव में नया तालाब खुदना था। इसके लिए ग्राम पंचायतों को करीब 9-9 लाख रुपए का बजट दिया गया। पंचायतों ने नया तालाब खोदने की बजाय, गांव के एक पुराने तालाब में दो दिन तक करीब 25-25 मनरेगा मजदूर लगाए और हल्की-हल्की खुदाई कर पुराने तालाब की पार (दीवार) करीब एक फीट मिट्टी डलवा दी।

हकीकत में इस तालाब की खुदाई में 25 से 30 हजार रुपए का खर्च हुआ,लेकिन सरपंच-सचिव ने लाखों का खर्च बताकर इसे नया तालाब खुदना बता दिया है। इसी तरह कराहल जनपद के अजनोई गांव में पुराने तालाब का गहरीकरण होना था। यहां दो दिन तक 17-17 मजदूर लगे जिन्होंने करीब 35 गड्ढे खोदे।

इन गड्ढों के अलावा कोई खुदाई नहीं हुई इसके बाद भी पंचायत ने कागजों में तालाब के गहरीकरण का काम पूरा बता दिया और तीन लाख रुपए से ज्यादा का खर्च कर दिया। बस ऐसे ही कराहल-श्योपुर की 77 ग्राम पंचायतों में पुराने तालाबों के गहरीकरण और विजयपुर की 90 पंचायतों में नए तालाबों की खुदाई हुई है।

बारिश न होने से खुल गई पोल
यदि इस साल अच्छी बारिश होती तो तालाब खुदाई और तालाब गहरीकरण के काम हुए करोड़ों रुपए के इस घपले का किसी को पता भी नहीं लगता। इस साल कम बारिश हुई इसलिए इस भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। हुआ यूं कि बारिश नहीं हुई इसलिए जिले के अधिकांश तालाब रीते पड़े है। सूखे पड़े यह तालाब अपनी स्थिति खुद ही बयां कर रहे हैं कि, इनमें कितनी खुदाई हुई है और पहले की तुलना में कितने गहरे हो गए। जिन तालाबों के गहरीकरण का दावा किया जा रहा है उनमें एक से डेढ फीट गहरे गड्ढे कहीं-कहीं दिख रहे हैं।

मॉनीटर अधिकारी ने जुलानिया तक भेजी शिकायत
श्योपुर जिले में हर साल गर्मियों में पेयजल संकट रहता है। इसलिए ग्रामीण एवं पंचायत विकास विभाग के पीएस राधेश्याम जुलानिया ने श्योपुर जिले को नए तालाब व पुराने तालाब के गहरीकरण के लिए 14.79 करोड़ रुपए का बजट दिया। इस बजट के साथ श्री जुलानियां ने श्योपुर जिला प्रशासन को यह आदेश दिए कि, तालाबों की मॉनीटिंरग सरकारी अफसरों के साथ-साथ एक निजी संस्था भी करेगी।

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