बांग्लादेशी अथॉरिटी ने रोहिंग्याओं को लाने वाली 20 बोट तोड़ दी। म्यांमार में हिंसा का सामना कर रहे रोहिंग्या समुदाय के लोग इन्हीं बोट के जरिए बांग्लादेश आए थे। अथॉरिटी ने बोट आयोजकों पर मेथैम्फेटामाइन नाम के ड्रग की तस्करी का आरोप लगाया है। कुछ रिफ्यूजियों ने बताया कि जैसे ही वे शाह पोरिर द्वीप पर पहुंचे तो बॉर्डर गार्ड्स ने उनके साथ मारपीट की और उनके कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश के स्थानीय कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल अरिफुल इस्लाम ने शरणार्थियों से मारपीट के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इस्लाम ने बताया कि यह मामला मानव तस्करी और मेथैम्फेटामाइन ड्रग की तस्करी का है। इस ड्रग को स्थानीय लोग ‘या बा’ कहते हैं। उन्होंने कहा, ‘बोट्स में कुछ ऐसे लोगों को ले जाया जा रहा था, जिन्हें नहीं ले जाना चाहिए।’
इस्लाम ने आरोप लगाया कि बोट चलाने वाले लोग रोहिंग्याओं का शोषण कर रहे थे। उनसे बांग्लादेश लाने के लिए बड़ी रकम ली जा रही थी। कुछ यात्रियों ने रॉयटर्स को बताया कि उनसे बांग्लादेश लाने के नाम पर 10,000 बांग्लादेशी टका (123 डॉलर) लिए गए। हालांकि कुछ यात्रियों का कहना था कि उनसे इसके बदले में कुछ नहीं लिया गया।
वहीं लेफ्टिनेंट कर्नल इस्लाम का कहना है कि उन्हें मंगलवार रात पानी से बड़ी मात्रा में ड्रग मिला है, जबकि यात्रियों का कहना है कि उन्हें बोट में किसी भी तरह का ड्रग नहीं दिखाई दिया। इस पर लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा कि हो सकता है कि पकड़े जाने के डर से उन्होंने ड्रग को पानी में फेंक दिया हो।