नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट के पटाखों की बिक्री पर रोक के फैसले को लेकर दिल्ली की सड़कों पर सोमवार सुबह कुछ पोस्टर देखने को मिले। पोस्टरों में पटाखा बैन के फैसले पर सवाल उठाए गए हैं। ये पोस्टर किसने चिपकाए, यह पता नहीं चल पाया है। पोस्टरों में विरोध करने वाले के नाम की जगह ‘दिल्ली की जनता’ लिखा हुआ है।
दिल्ली में सोमवार सुबह पटेल चौक मेट्रो स्टेशन, आईटीओ और अशोक रोड पर पटाखा बैन के पोस्टर लगाए गए थे। इनमें से एक पर लिखा गया है, ‘IIT कानपुर की रिपोर्ट कहती है कि पटाखों से कहीं अधिक प्रदूषण अन्य स्रोतों से होता है। आप केवल पटाखे ही देख पाए।’ पोस्टर के अंत में लिखने वाले का नाम ‘दिल्ली की जनता’ दिया गया है।
बता दें कि ये पोस्टर दिल्ली में ऐसी जगहों पर लगाए गए हैं, जहां हर वक्त पुलिस की चौकसी रहती है। आईटीओ पर तो दिल्ली पुलिस का हेडक्वॉर्टर भी है। ऐसे में कोई चुपचाप सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाने वाले ये पोस्टर कैसे लगा गया, इसको लेकर दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का जहां अधिकतर लोगों ने स्वागत किया, वहीं कुछ लोगों ने इसे हिंदू विरोधी भी करार दिया है। राइटर चेतन भगत से लेकर त्रिपुरा के गवर्नर तथागत रॉय तक इस फैसले को हिंदू विरोधी करार दे चुके हैं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को वापस लेने से इनकार कर दिया था। बैन पर पुनर्विचार करने को लेकर कारोबारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह बात बहुत दुख पहुंचाने वाली है कि प्रदूषण से जुड़े इस मसले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। एनसीआर में पटाखों पर बैन को कुछ नेताओं और सोशल मीडिया द्वारा ‘ऐंटी-हिंदू’ फैसला करार दिए जाने के संदर्भ में शीर्ष अदालत ने यह बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘इस तरह की टिप्पणियों से दुख हुआ।’