नई दिल्ली
चुनावी मौसम में मोदी सरकार अब शहरी मिडिल क्लास को खुश करने के उसे जीएसटी में बड़ी राहत दे सकती है। बताया जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में AC रेस्ट्रॉन्ट्स में खाने पर जीएसटी की मौजूदा 18 फीसदी की दर को सरकार घटाकर 12 फीसद कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो रेस्ट्रॉन्ट में खाना पहले के मुकाबले सस्ता हो जाएगा। हालांकि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर रेस्ट्रॉन्ट्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा छोड़ना पड़ सकता है।
एयर-कंडिशंड रेस्ट्रॉन्ट्स अभी 18 पर्सेंट और बिना एयर-कंडिशन वाले रेस्ट्रॉन्ट्स 12 पर्सेंट GST वसूलते हैं। अगर इन दोनों तरह के रेस्ट्रॉन्ट्स के लिए GST का रेट एक समान किया जाता है तो इससे उन्हें इनपुट पर चुकाए गए टैक्स को क्लेम करने की सुविधा छोड़नी पड़ सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘यह देखा जा रहा है कि रेस्ट्रॉन्ट्स अपने कस्टमर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं दे रहे।’ GST काउंसिल ने इस मामले पर विचार करने के लिए एक कमेटी बनाई है।
रेस्ट्रॉन्ट मालिकों ने सभी प्रकार के रेस्ट्रॉन्ट्स के लिए 12 पर्सेंट GST रेट तय करने के साथ ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा बरकरार रखने की मांग की थी। एक करोड़ रुपये तक सालाना टर्नओवर वाले रेस्ट्रॉन्ट्स कंपोजिशन स्कीम का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के 5 पर्सेंट का टैक्स देना होता है। सरकार ने यह स्कीम छोटे कारोबारियों की मदद के लिए पेश की थी।
अधिकारी ने बताया कि GST काउंसिल को शिकायतें मिली थीं कि रेस्टोरेंट 18 पर्सेंट GST वसूल करने के बावजूद इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा कस्टमर्स को नहीं दे रहे। 1 जुलाई को GST लागू होने के बाद इस तरह की सर्विसेज पर टैक्स 15 पर्सेंट से बढ़कर 18 पर्सेंट हो गया था। हालांकि, इसके पीछे यह तर्क दिया गया था कि इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण इस बढ़ोतरी का बोझ नहीं पड़ेगा।
इंडस्ट्री की ओर से लॉबिंग करने के बाद GST काउंसिल ने कंपोजिशन स्कीम को अधिक आकर्षक बनाने और रेस्टोरेंट्स पर GST रेट पर दोबारा विचार करने के लिए असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की अगुवाई में एक कमेटी बनाई थी। कमेटी से दो सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। अधिकारी ने बताया कि कमेटी ने अपने सुझावों को अंतिम रूप दे दिया है।order