लखनऊ
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ छोटी दिवाली के मौके पर अयोध्या में ग्रैंड दिवाली मना रहे हैं। सीएम योगी अपनी कैबिनेट के कई साथियों के साथ यहां सरयू नदी के किनारे त्रेता युग सरीखी दिवाली मनाएंगे। रावण वध के पश्चात राम, सीता और लक्ष्मण के अयोध्या लौटने की तर्ज पर यहां सीएम योगी कलाकारों का स्वागत करेंगे और राम का राज्याभिषेक करेंगे। इस आयोजन को सिर्फ दिवाली आयोजन ही नहीं कहा जा सकता, बल्कि यह एक तरह से बीजेपी के लिए 2019 के आम चुनावों की तैयारी की शुरुआत है।
अयोध्या में इस आयोजन के दौरान रेकॉर्ड संख्या में दीये जलाए जाएंगे, जो गिनेस बुक में दर्ज हो सकता है। इसके अलावा राम के जीवन पर लेजर शो का भी आयोजन होगा। इस कार्यक्रम के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ एक और आध्यात्मिक नगरी चित्रकूट जाएंगे, जहां राम ने अपने वनवास के 14 सालों में से 12 वर्ष गुजारे थे। चित्रकूट में भी वह कई विकास परियोजनाओं का ऐलान करेंगे। इसके जरिए बीजेपी की रणनीति अयोध्या से लेकर चित्रकूट तक के बड़े हिस्से को साधने की है।
फोकस भले ही अयोध्या पर होगा, लेकिन चित्रकूट दौरे के जरिए योगी आदित्यनाथ प्रस्तावित रामायण सर्किट को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। सरकार का कहना है कि वह अयोध्या को टूरिस्ट डेस्टीनेशन के तौर पर विकसित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसके मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में अयोध्या पर बीजेपी के फोकस के मायने निकाले जा रहे हैं। पहले भी अयोध्या के चलते बीजेपी को बड़ी राजनीतिक बढ़त मिल चुकी है।
एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, ‘इस तथ्य को खारिज नहीं किया जा सकता कि दशकों तक अयोध्या को नजरअंदाज किया गया। तीर्थस्थल के विकास पर फोकस करना अच्छा कदम है। लेकिन, यह अकेले पर्यटन का ही मसला नहीं है। स्थान और उससे जुड़ी योजनाओं का चयन इस बात के संकेत देता है कि इसके जरिए लोकसभा चुनाव को साधने की कोशिश है। जिसमें नौकरियों की कमी और इकॉनमी में कमजोरी के चलते नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसे हिंदुत्व का पुनरुत्थान भी कहा जा रहा सकता है। अयोध्या में विवादित भूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई भी 5 दिसंबर, बाबरी मस्जिद विध्वंस के एक दिन पहले, तक के लिए टल गई है।’
योगी सरकार ने सरयू नदी के तट पर राम की विशाल मूर्ति स्थापित करने की योजना बनाई है, जो स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से भी बड़ी होगी। अभी इसके लिए नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल की मंजूरी का इंतजार है। अयोध्या में यूपी सरकार का दिवाली ग्रैंड शो ऐसे वक्त में हो रहा है, जब कर्नाटक में विश्व हिंदू परिषद धर्म संसद का आयोजन कर रही है। इसमें शंकराचार्यों के अलावा तमाम संत हिस्सा ले रहे हैं। धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण, गोरक्षा, गंगा और सामाजिक सद्भाव पर प्रस्ताव पारित हो सकते हैं। सीनियर वीएचपी लीडर शरद शर्मा ने कहा, ‘धर्म संसद से केंद्र सरकार पर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून लाने का दबाव भी डाला जा सकता है।’