नई दिल्ली
ताजमहल पर बीजेपी नेता के बयान के बाद शुरू हुए विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन ने कहा है कि ताजमहल इतिहास की दृष्टि से नारी अपमान का प्रतीक है लेकिन कलाकारी की दृष्टि से बेहद अहम है इसलिए हमें उस पर गर्व है। अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के संगठन सचिव बालमुकुंद ने एनबीटी से खास बातचीत में कहा कि ताजमहल हमारी विरासत है और इसका संरक्षण होना चाहिए।
ताजमहल है हमारी विरासत
संघ प्रचारक बालमुकुंद ने कहा कि कलात्मक दृष्टि से ताजमहल हमारे देश का गौरव है। दुनिया भर के लोग इसे देखने आते हैं। हजारों भारतीय कलाकारों की कला का इसमें प्रदर्शन है और इसमें भारत के संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। इसलिए ताजमहल बहुत सम्मान की जगह है और इसका संरक्षण होना चाहिए। यह हमारी विरासत है और अगर कोई इसे विरासत नहीं मानता है तो वह गलत है। यह टूरिजम की दृष्टि से काफी अहम है इसलिए हमें इस पर गर्व है। हालांकि कला का प्रतीक होने के बावजूद ताजमहल प्यार का प्रतीक नहीं है।
पर प्यार का प्रतीक नहीं
बालमुकंद ने कहा कि ताजमहल प्यार का प्रतीक नहीं हो सकता क्योंकि किसी के पति को मारकर उसे रखैल के रूप में रखना, 17 साल में 14 बच्चे पैदा कराना, अंतिम बच्चा पैदा होते हुए महिला का मरना, पत्नी की मौत के चार महीने बाद उसकी बहन से विवाह करना यह भारतीय चिंतन की दृष्टि से प्यार का प्रतीक नहीं हो सकता है। इतिहास की दृष्टि से देखें तो यह नारी अपमान का प्रमाण है लेकिन कलाकारी की दृष्टि से ताजमहल गर्व का विषय है।
कब्रिस्तान है या मंदिर, रिसर्च हो
कुछ दिन पहले बीजेपी के सीनियर नेता विनय कटियार ने कहा था कि ताजमहल भगवान शिव का मंदिर ‘तेजो महल’ है, जिसे शाहजहां ने मकबरे में तब्दील कर दिया। इस दावे पर संघ प्रचारक बालमुकुंद ने कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इतिहास रिसर्च का विषय है। आमतौर पर कब्रिस्तान नदी किनारे नहीं होता इसलिए ताजमहल पर संदेह है। लेकिन अभी इसके भगवान शिव का मंदिर तेजो महल होने का कोई सबूत नहीं है इसलिए मैं इस दावे को सपॉर्ट भी नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को इस पर काम करना चाहिए और सच सामने लाना चाहिए। संघ प्रचारक ने कहा कि विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि इतिहास की गर्त में छुपे सच को सबूत के साथ पेश किया जा सकता है।