पटना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘स्किल इंडिया’ के तहत बिहार के छपरा में रोजगार मेला आयोजित किया गया था. रोजगार मेले में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कौशल विकास को लेकर लंबी चौड़ी बातें तो कीं, लेकिन हकीकत यह है कि रोजगार मेले में 2 दिन में सिर्फ 20 लोगों को ही रोजगार मुहैया कराया गया.
ऐसा भी नहीं है कि युवा इस रोजगार मेले की ओर आकर्षित नहीं हुए. दो दिन में कुल 15,000 लोगों ने पंजीकरण कराया. इतना ही नहीं रोजगार मेले में 120 कंपनियों ने स्टॉल भी लगाए हैं. लेकिन रोजगार मुहैया कराने में न तो केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के दावे सफल रहे और न ही मेले में जुटीं इतनी कंपनियां.
धर्मेंद्र प्रधान के बड़े बोल, जापान जाएंगे बिहारी युवा
रोजगार मेले के दौरान धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा, “बिहार के नौजवान आने वाले दिनों में जापान जाएंगे, क्योंकि जापान के लोग बूढ़े हो रहे हैं और वे काम नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में कृषि, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और हेल्थ सेक्टर में काम करने वाले लोग वहां नही हैं. जापान में काम करने के लिए बिहारी नौजवानों को सिर्फ जापानी भाषा सीखनी पड़ेगी. जल्द ही हम पटना, छपरा सहित 2-3 जगह पर जापानी भाषा सीखने का केंद्र खोलेंगे.”गौरतलब है कि छपरा पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कौशल विकास मंत्रालय के मंत्री रह चूके राजीव प्रताप रूडी का चुनाव क्षेत्र है.
पूरी दुनिया में काम कर रहे बिहारी
धर्मेन्द्र प्रधान ने इस अवसर पर कहा, “बिहारी लोगों का एक गुण है कि इनका कोई कौशल विकास करे या न करे, ये खुद अपने दम पर दुनिया भर में हर लेवल के पद पर कार्यरत हैं. मैं पेट्रोलियम मंत्री होने के नाते दुनिया के देशों से पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने जाता रहता हूं. मैंने देखा है कि दुनिया के हर कोने में बिहार के नौजवान काम करते मिल जाते हैं.”
120 कंपनियों ने लगाए स्टॉल
रोजगार मेले में 120 विभिन्न कम्पनियों ने स्टॉल लगाए थे, जिनमें राजमिस्त्री से लेकर फार्मासिस्ट, पैथालॉजी, ब्यूटीशियन, स्पा, सिक्योरिटी इंचार्ज, जेसीबी चालक सहित विभिन्न रोजगार मुहैया कराने वाली कम्पनियां शामिल थीं. इस रोजगार मेले में 2 दिनों में लगभग 15000 युवक और युवतियों ने पंजीकरण करवाया. लेकिन इतने ताम-झाम के बाद मेले में सिर्फ 20 लोगों को विभिन्न कम्पनियों में रोजगार मिला.
हर प्रतिष्ठान के लिए GST एक्सपर्ट अनिवार्य
बिहार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस अवसर पर बताया कि बिहार में छोटी बड़ी मिलाकर 8 लाख प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं. जिस तरह हर दवा की दुकान खोलने के लिए फार्मासिस्ट होना आवश्यक है, उसी तरह प्रदेश में हर प्रतिष्ठान के लिए GST एक्सपर्ट रखना आवश्यक किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जिनको भी रोजगार मिलेगा, उस कम्पनी में 6 महीने बाद तहकीकात की जाएगी कि उस व्यक्ति का रोजगार कायम है कि नहीं.
प्रभात रंजन डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर की प्रिंसिपल डॉ. रूपम ने बताया कि वर्तमान में बिहार में मेडिकल क्षेत्र में प्रशिक्षित कर्मियों की भारी कमी है. इसकी भरपाई मेडिकल के विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार देने, हिस्टो टेक्नीशियन और ब्लड कलेक्टर का कोई कोर्स नहीं चल रहा था. इस तरह के रोजगार मेले से इन क्षेत्रो में युवाओं को नया अवसर मिलेगा और मेडिकल लैब टेक्नीशियन का कोर्स, जो पहले दो साल का होता था, अब स्किल सेन्टर में कौशल विकास मंत्रालय के द्वारा एक साल में पूरा कराया जाएगा.