नई दिल्ली
वर्ल्ड बैंक मंगलवार को दुनियाभर देशों की इज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग्स की घोषणा करेगा। भारत को इस बार वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग से काफी आस है। मोदी सरकार को उम्मीद है कि उसके द्वारा उठाए गए आर्थिक सुधार के कदमों से इस बार देश की रैंकिंग सुधरेगी। पिछले साल आई 2017 की रैंकिंग में भारत 190 देशों में 130वें स्थान पर था, जो पिछले साल की रैंकिंग से एक स्थान ऊपर था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार को तीन मापदंडों पर अपनी स्थिति सुधरने की उम्मीद है। भारत की पिछले साल बिजनस शुरू करने में 155वीं, निर्माण संबंधी परमिट पाने में 185वीं और इन्सॉल्वेंसी को निपटाने में 136वीं रैंकिंग मिली थी। सरकार के सबसे बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी को पिछले बार की रैंकिंग में शामिल नहीं किया गया था। टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करने वाले जीएसटी से सरकार को रैंकिंग सुधरने की उम्मीद है। टैक्स जमा करने के मामले में भारत की रैंकिंग काफी कम (172) थी। वर्ल्ड बैंक 1 जून के बाद हुए सुधारों या बदलावों को अपनी रैंकिंग में जगह देता है। जीएसटी 31 जुलाई को लागू हुआ था।
कंस्ट्रक्शन परमिट
निर्माण कार्य शुरू करने के लिए परमिट पाने में भारत को पिछले साल 190 देशों की रैंकिंग में 185वां स्थान मिला था। पिछले साल तक मुंबई में कंस्ट्रक्शन परमिट पाने में 164 और दिल्ली में 213 दिन लगते थे। वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि भारत ने कंस्ट्रक्शन परमिट सिस्टम को ऑनलाइन नहीं किया है।
बिजनस शुरू करना
2017 में इस पैरामीटर पर भारत को 190 देशों में 155वां स्थान मिला था। जून में सरकार ने वर्ल्ड बैंक को बताया कि भारत में बिजनस शुरू करने प्रक्रिया को पिछले साल 14 से घटाकर 5 कर दिया गया है।
इन्सॉल्वेंसी निपटाना
इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, 2016 के जरिए सरकार ने पिछले साल एक बड़ा सुधार किया, जिसे पिछले साल की रैंकिंग में जगह नहीं मिल पाई। नए कानून से भारत की रैंकिंग सुधरने की उम्मीद है। भारत को पिछले साल इसमें 136 वां स्थान मिला था।