भोपाल
भावांतर भुगतान योजना को लेकर पैदा हुई भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के स्थापना दिवस पर कुछ घोषणाएं कर सकते हैं। इसमें मॉडल रेट भी शामिल हैं। इससे किसानों को यह समझाने में मदद मिलेगी कि उन्हें योजना से किसी भी प्रकार का घाटा नहीं होगा।
उन्हें बाकायदा एसएमएस कर सूचना भी दी जाएगी कि कितनी राशि योजना के तहत मिलेगी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री मंदसौर के गरोठ में किसान सम्मेलन या फिर लाल परेड मैदान पर स्थापना दिवस के मुख्य कार्यक्रम में घोषणा कर सकते हैं। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री कार्यालय और कृषि विभाग के अधिकारी मंगलवार को दिनभर मंथन में जुटे रहे।
उच्चस्तरीय बैठक बुलाई
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सुबह अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक बुला ली। इसमें उन्होंने योजना को लेकर उठ रहे सवालों का हर हाल में समाधान जल्द से जल्द देने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने योजना आने से पहले और बाद की स्थिति का ब्योरा मुख्यमंत्री के सामने रखते हुए बताया कि भाव में बहुत ज्यादा अंतर नहीं आए हैं। किसानों को नकदी का भुगतान नहीं होने और योजना की जानकारी नहीं होने की वजह से भ्रम फैला है। इसे दूर करने के लिए औसत भाव घोषित करने का सुझाव रखा गया, जिस पर सैद्धांतिक सहमति भी बन गई।
यह भी विचार किया गया कि अभी से रबी फसलों के लिए किसानों का पंजीयन शुरू कर दिया जाए। दरअसल, खरीफ फसलों के लिए उम्मीद से कम किसानों ने पंजीयन कराया है। बैठक में मुख्य सचिव बीपी सिंह, अपर मुख्य सचिव पीसी मीना, प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल, एसके मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
खरीदी बंद होने के बाद तय होने हैं मॉडल रेट
योजना के शुभारंभ मौके पर सरकार ने तय किया था कि मॉडल रेट की घोषणा खरीदी बंद होने के बाद की जाएगी। इसके पीछे मकसद यह था कि बाजार प्रभावित न हो। व्यापारी अपने हिसाब से मंडियों में खरीदी करता रहे। सूत्रों के मुताबिक खरीदी शुरू होने के बाद से जो भाव को लेकर जो भ्रम की स्थिति बनी है, उसे दूर करने के लिए औसत भाव घोषित कर यह बताने की कोशिश होगी कि योजना आने से भाव पर प्रभाव नहीं पड़ा है।
योजना आने के पहले और बाद में भाव लगभग एक जैसे ही रहे हैं। सिर्फ तिल ही एकमात्र ऐसी फसल है, जो समर्थन मूल्य से ज्यादा पर बिक रही है। उड़द सहित बाकी सभी फसलों के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मिल रहे हैं।
बैंकों की छुट्टी के दिन बंद रहेगा कारोबार
प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि बैंकों की छुट्टी के दिन व्यापारियों को भुगतान करने में परेशानी होती है। इसके मद्देनजर तय किया गया कि मंडी बोर्ड एक आदेश जारी कर बैंकों के अवकाश के दिन खरीदी बंद रखने के आदेश निकालेगा।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के साथ व्यापारियों की बैठक में यह मुद्दा उठा था। व्यापारियों ने 50 हजार रुपए तक के भुगतान को लेकर आ रही समस्या भी रखी। मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि कृषि उपज के भुगतान को लेकर आयकर संबंधी कोई समस्या नहीं आएगी।
ऐसे तय होगा मॉडल रेट
योजना में शामिल हर फसल के लिए मध्यप्रदेश सहित दो अन्य राज्यों की मंडियों से भाव लिए जाएंगे। यह भाव खरीदी शुरू होने से लेकर बंद होने तक के लिए जाएंगे। इसके आधार पर औसत दर निकाली जाएगी।