Home राज्य मप्र सीएम ने कहा- जो अमेरिका को अच्छा मानें, वे गुलाम मानसिकता के

सीएम ने कहा- जो अमेरिका को अच्छा मानें, वे गुलाम मानसिकता के

0
SHARE

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का कहना है कि अभी देश में मेरे अमेरिका दौरे की चर्चा रही। मैं आज भी कहता हूं मप्र की सड़कें अमेरिका से ज्यादा अच्छी हैं। जो अमेरिका और इंग्लैंड को अपने देश से अच्छा मानते हैं, वे गुलाम मानसिकता वाले लोग हैं। मैं प्रदेश में उनका साथ चाहता हूं जो अच्छा सोचने और करने वाले हैं। मेरा विश्वास है कि मप्र को देश का ही नहीं बल्कि दुनिया के अच्छे राज्यों में से एक बनाकर रहूंगा।

यह बात प्रदेश के स्थापना दिवस समारोह में लाल परेड ग्राउंड पर कही। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि मैंने अमेरिका से कुछ सीखा नहीं। मैं न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में इनक्यूबेशन सेंटर गया था। अब मप्र में भी 100 करोड़ का एक वेंचर कैपिटल फंड रखा जाएगा। इसमें युवाओं के इनोवेटिव आइडियाज पर बिजनेस शुरू करने में मदद मिलेगी। आगामी विधानसभा सत्र में सरकार महिलाओं और बच्चियों को दूषित मानसिकता वाले लोगों से बचाने के लिए ‘जन सुरक्षा विधेयक’ लाएगी, जिसमें दुष्कर्मियों को फांसी का प्रावधान होगा।

सीएम ने जनता को प्रदेश के विकास में अधिक सहयोग करने की शपथ दिलाई। लोगों का समर्थन जानने के लिए उन्होंने लोगों से मोबाइल की फ्लैश लाइट ऑन कर संकल्प लेने को कहा। लाल परेड ग्राउंड मोबाइल की रोशनी से जगमगा गया। संस्कृति मंत्री सुरेन्द्र पटवा, विश्वास सारंग, उमाशंकर गुप्ता, पूर्व सीएम बाबूलाल गौर, संस्कृति सचिव मनोज श्रीवास्तव, कलेक्टरसुदाम खाड़े, कैलाश सारंग, संचालक संस्कृति अक्षय कुमार सिंह भी मौजूद थे।

खास मेहमानों की ही हुई आवभगत
मंच के सामने वीआईपी मेहमानों की गैलरी में कई मंत्री, नेता और आला अफसर और उनके परिजन मौजूद थे। इनकी खास मेहमान नवाजी के लिए आयोजकों की ओर से स्नैक्स का विशेष इंतजाम किया गया। उनके सत्कार के लिए ट्रे लेकर सामने आने-जाने वालों की एक लंबी कतार लगी रही। उनके पीछे शहर के आम नागरिक अपने प्रदेश के स्थापना के जलसे में उपेक्षित नजर आए। क्योंकि खान-पान का इंतजाम आगे बैठे चंद वीआईपी के लिए किया गया।

लोगों का कहना था कि यहां आकर लगा जैसे वीआईपी और उनके परिवारजन बाराती हों और बाकी सब बिन बुलाए मेहमान। ऐसा आतिथ्य सत्कार सामंती सोच का लक्षण है, जो किसी दृष्टि से उचित नहीं है। यह आम लोगों के लिए अपमानजनक और भेदभाव दर्शाने वाला है। ऐसी शाही परंपराओं पर रोक लगना चाहिए। पिछले साल भी ऐसा ही शर्मनाक दृश्य था, जिसकी आलोचना हुई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here