नई दिल्ली
दक्षिण भारतीय की राजनीतिक में सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी के एक मूव ने राजनीतिक जानकारों को हैरत में डाल दिया। मोदी गुरुवार को अपने दौरे के दौरान पीएम डीएमके चीफ करुणानिधि से मिलने पहुंचे। बता दें कि तमिलाडु में बीजेपी को एआईडीएमके का करीबी बना जाता है, जबकि डीएमके केंद्र सरकार की नीतियों की कट्टर आलोचक रही है। ऐसे में मोदी और करुणानिधि की यह मुलाकात हर किसी को हैरान कर रही है।
इससे सवाल उठ रहा है कि क्या तमिलनाडु में बीजेपी नए समीकरण तलाश रही है। हालांकि बीजेपी ने मोदी-करुणानिधि की मुलाकात पर ऐसी किसी भी अटकलों को खारिज किया है। बीजेपी ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया है। पीएम के साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी थीं। राज्य के बीजेपी चीफ भी इस मौके पर मौजूद थे। एम करुणानिधि की सेहत इस समय ठीक नहीं है। डीएमके अध्यक्ष करुणानिधि पिछले काफी समय से बीमार चल रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच करीब 10 मिनट तक मुलाकात चली। मुलाकात के दौरान पीएम ने तमिलनाडु के पूर्व सीएम से पीएम निवास आकर आराम करने का आग्रह किया।
करुणानिधि के पुत्र और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन और उनकी बहन तथा राज्यसभा एमपी कणिमोझी दरवाजे पर पीएम को रिसीव करने आए और फिर छोड़ने भी आए। दोनों ने नेताओं ने हाथ हिलाकर पीएम को विदा किया। बता दें कि पीएम मोदी आज चेन्नै के दौरे पर हैं।
गौरतलब है कि तमिलनाडु जे. जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके अभी भी दो धड़ों में बंटी हुई है। पहला धड़ा सीएम पलनिसामी और ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाला है जबकि दूसरा धड़ा शशिकला के नेतृत्व वाला है। पलनिसामी और पन्नीर धड़े को एक करने में बीजेपी की भूमिका अहम मानी जाती है।