भोपाल
सोमवार को सुबह 10 बजे जब भेल कारपूल के ड्राइवर बिना कोई सूचना के गेट नम्बर 6 पर धरने पर बैठे तब इस बात का खुलासा हुआ कि इन ड्राइवरों को कारखाने में काम करने के बाद भी संबंधित ट्रेवल्स एजेंसियों ने न तो समय पर वेतन दिया है और न ही ईएसआई-पीएफ जमा किया है। इसको लेकर वह भेल प्रबंधन के खिलाफ धरने पर बैठ गये है। खबर लगते ही कारपूल विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गये, ट्रेवल्स एजेंसियों के संचालकों को आनन-फानन में बुलाया गया। समय पर वेतन और ईएसआई-पीएफ जमा करने का भरोसा देने के बाद वह धरने से उठे।
युवा इंटक के अध्यक्ष दीपक गुप्ता और ठेका मजदूर इंटक के नेता मनीष गौतम के मुताबिक करीब 70 से 80 ड्राइवर चार ट्रेवल्स एजेंसियों के माध्यम से कारखाने में अधिकारियों की चार पहिया वाहनों सालों से चलाते आ रहे हैं। दबी जुबान से यह अपनी तकलीफ बयां तो करते है लेकिन शिकायत नहीं कर पाते। यह पहला मौका था कि उन्होंने अपनी जायज मांगों को लेकर धरना दिया। खास बात यह है कि यदि संबंधित ट्रेवल्स एजेंसियों से भेल का एचआर विभाग ईएसआई-पीएफ की जानकारी नहीें रख रहा है तो दोषी कौन है।
अतिसंवेदनशील कारखाने में यदि कोई बड़ी दुर्घटना हो जाये तो जवाबदार कौन होगा। साफ जाहिर है कि इस मामले में काफी लापरवाही बरती जा रही है। कारपूल के अधिकारी भीमराव बंसोड़ का कहना है कि संबंधित एजेंसियों को ईएसआई-पीएफ जमा करने के निर्देश जारी कर दिये गये है। एजेंसियों के स्थाई ड्राइवरों को यह सुविधा दी जाती है ट्रेम्प्रेरी को नहीं दी जाती, इसके निर्देश भी जारी कर दिये गये है। अब सभी का वेतन भी बैंक के माध्यम से मिलेगा।