नई दिल्ली
गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में एक नया मोड़ आ गया है. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र को हिरासत में लिया है. हत्या के इस मामले में छात्र से हिरासत में पूछताछ की जा रही है. सीबीआई की गिरफ्त में आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार पहले से ही है.
इस वारदात के बाद सबसे पहले बस कंडक्टर अशोक कुमार को ही पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस वक्त आरोपी ने हत्या की बात कबूल की थी, लेकिन बाद में वह अपने बयान से पलट गया था. उसने कहा था कि दबाव में आकर उसने हत्या की बात स्वीकार की थी. इसके बाद भारी दबाव के बीच इस मामले की जांच सीबीआई को दी गई.
सीबीआई ने इस मामले में बस कंडक्टर के साथ ही स्कूल के माली हरपाल, टीचर, नॉन टीचिंग स्टाफ और मैनेजमेंट जुड़े कई लोगों से पूछताछ की है. यहां तक की सीबीआई ने बस कंडक्टर और माली के साथ रेयान इंटरनेशनल स्कूल जाकर क्राइम सीन रिक्रिएट किया था. जिस टॉयलेट में वारदात को अंजाम दिया गया वहां भी जांच की गई.
तीन सदस्यीय टीम ने दी थी रिपोर्ट
इस केस की जांच के लिए हरियाणा सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने अपनी रिपोर्ट गुड़गांव पुलिस को सौंप दी थी. इस रिपोर्ट में रेयान इंटरनेशनल स्कूल की कई कमियां सामने आई थी. सबसे बड़ी बात ये कि स्कूल कैंपस में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब मिले. यहां तक की स्कूल बाउंड्री वॉल टूटी हुई थी, जिससे अंदर आना-जाना बेहद आसान था.
रिपोर्ट में ये क्या कहा गया था
- 1- रेयान इंटरनेशनल स्कूल के सीसीटीवी कैमरे खराब थे.
- 2- ड्राइवर और कंडक्टर छात्रों के टॉयलेट का ही इस्तेमाल करते थे.
- 3- स्कूल की बाउंड्री वॉल टूटी हुई थी, जिससे स्कूल के अंदर आना जाना बेहद आसान था.
- 4- स्कूल में काम करने वाले कर्मचारियों का किसी भी तरह का कोई पुलिस वैरिफेकेशन नहीं हुआ था.
जानिए, क्या है पूरा मामला
बताते चलें कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी क्लास में पढ़ने वाले 7 साल के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर के साथ कुकर्म की कोशिश के बाद उसकी गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बस कंडक्टर अशोक समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी अशोक कुमार ने पहले अपना जुर्म कबूल किया, लेकिन अब इंकार कर रहा है.
सख्त कानून की आवश्यकता
स्कूल में बच्चों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है. दिन का बड़ा हिस्सा बच्चे स्कूल में गुजारते हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर सख्त कानून आना बेहद जरूरी है. घर के बाद के स्कूल को बच्चों के लिए सुरक्षित जगह मानी जाती है. स्कूल में अगर ऐसी घटनाएं होती रहीं तो स्कूल से सबका विश्वास उठ जाएगा. स्कूल प्रशासन और शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए.