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प्रद्युम्न की मां बोली, आरोपी से मिलकर पूछना चाहती हूं, मेरे बेटे को क्यों मारा

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गुड़गांव

रायन इंटरनैशनल स्कूल के स्टूडेंट प्रद्युम्न के जघन्य हत्याकांड की जांच में सीबीआई ने नया ऐंगल तलाश लिया है। सीबीआई ने पुलिस की थिअरी को पलटते हुए दावा किया है कि प्रद्युम्न की हत्या उसके स्कूल के ही 11वीं के एक स्टूडेंट ने की है। सीबीआई के खुलासे के बाद प्रद्युम्न की मां ज्योति ठाकुर ने कहा है कि एक बार वह खुद आरोपी स्टूडेंट से मिलना चाहती हैं। ज्योति उससे पूछना चाहती हैं कि उसने उनके मासूम बेटे की हत्या क्यों की।

सीबीआई के दावे के मुताबिक करीब 16 साल का आरोपी स्टूडेंट पढ़ने में कमजोर है। उसने हत्या को सिर्फ इसलिए अंजाम दिया ताकि स्कूल की छुट्टी हो जाए और एग्जाम व पैरंट्स-टीचर मीटिंग (PTM) टल जाए। सूत्रों के मुताबिक, उसने 4-5 मिनट में घटना को अंजाम दे दिया था।

इस नए खुलासे के बाद प्रद्युम्न के परिजनों का कहना है कि उन्हें सीबीआई जांच पर पूरा विश्वास है। वे पहले ही दिन से कह रहे हैं कि इस केस में कंडक्टर के अलावा कोई और भी है। किसी को भी कंडक्टर की गिरफ्तारी पर विश्वास नहीं हो रहा था। उनको पुलिस की जांच पर विश्वास ही नहीं है। इसके बाद ही सीबीआई जांच की मांग की गई थी।

प्रद्युम्न की मां ने कहा कि ‘हम नहीं जानते कि वह बच्चा (आरोपी स्टूडेंट) कौन है। शायद प्रद्युम्न उसे अपने स्कूल के स्टूडेंट के तौर पर ही जानता होगा। मैं उससे पूछना चाहती हूं कि उसने मेरे बेटे को क्यों मारा।’ प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने कहा कि वह उनके बेटे की हत्या के बाद सीबीआई की जांच से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि आरोपी स्टूडेंट के साथ नाबालिग की तरह नहीं, बल्कि व्यस्क की तरह बर्ताव किया जाना चाहिए। कोई नाबालिग ऐसा क्राइम नहीं कर सकता है।

उधर, स्टूडेंट को चाहे सीबीआई ने रायन इंटरनैशनल स्टूडेंट मर्डर केस में आरोपी बना दिया हो, लेकिन उनके पड़ोस के लोगों को विश्वास ही नहीं हो पा रहा है। वह मान नहीं पा रहे हैं कि हंसमुख और भगवान की पूजा करने वाला स्टूडेंट इतना बड़ा क्राइम कर सकता है। आरोपी हमेशा पड़ोस में रहने वाले बच्चों के साथ खेलता रहता था। उसका एक छोटा भाई भी है। आरोपी के पिता का कहना है कि उनका बेटा बेकसूर है। उनके बेटे को सीबीआई ने फंसाया है।

आरोपी के पिता वकील हैं। आरेापी स्टूडेंट के एक पड़ोसी ने बताया कि वह हमेशा सभी से घुल-मिल कर खेलता रहता था। हर मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर जाता था। किसी से झगड़ा भी नहीं करता था। उनका इस अपराध के पीछे उसका हाथ होने पर कतई विश्वास नहीं है। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि मर्डर से पहले आरोपी स्टूडेंट ने एक अन्य युवक को नशीला पदार्थ खिलाने का प्रयास किया। उस वक्त भी वह एग्जाम कैंसल करवाने के फिराक में था। आरोपी स्टूडेंट के बारे में स्कूल की प्रिंसिपल ने कॉल रिसीव नहीं किया।

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