पेइचिंग
चीन में सैकड़ों ईसाइयों ने ईसा मसीह की तस्वीरों को हटाकर उनके स्थान पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पोस्टर लगा लिए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पिछड़े इलाकों में से एक जियांग्शी सूबे की युगान काउंटी में सरकार की गरीबों की मदद के लिए चलाई गई योजना के तहत ऐसा हुआ है। युगान काउंटी में करीब 10 फीसदी ईसाई रहते हैं। 10 लाख की आबादी वाली इस काउंटी के 11 पर्सेंट लोग गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रहे हैं।
गरीबी को दूर करने के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से चलाए गए अभियान के तहत उनसे ईसा मसीह के पोस्टरों को हटाने के लिए कहा गया। हॉन्ग कॉन्ग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ईसाई समुदाय के लोगों को ईसा मसीह की तस्वीरें और क्रॉस को हटाना पड़ा है। अखबार के मुताबिक ऐसी ही स्थिति चीन के पूर्व राष्ट्र प्रमुख माओत्से तुंग के दौर में थी, जब पूरे देश में हर घर में लोगों को माओ की तस्वीरें लगानी पड़ी थीं। अब एक बार फिर से चीन में ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई है।
64 वर्षीय शी चिनफिंग बीते सालों में देश के सबसे ताकतवर नेता के तौर पर उभरे हैं। देश की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की ओर से उन्हें 5 साल का एक और कार्यकाल दिया गया है। यही नहीं माओ के बाद चिनफिंग चीन के ऐसे पहले नेता हैं, जिनके विचारों को कम्युनिस्ट पार्टी के संविधान में जगह दी गई है। नास्तिकता में विश्वास रखने वाली चीन की कम्युनिस्ट पार्टी युगान काउंटी में ईसाइयत के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला कर रही है। कुछ अनुमानों के मुताबिक चीन में ईसाइयों की आबादी करीब 9 करोड़ है।