मुंबई हमले की बरसी से ठीक पहले खूंखार आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद जेल से रिहा होने वाला है। वह गुरुवार को नजरबंदी से रिहा हो सकता है। पंजाब हाई कोर्ट से रिहा करने का आदेश मिलने के बाद विडियो संदेश जारी कर हाफिज सईद ने इसे \’पाकिस्तान की आजादी की जीत\’ करार दिया। हाफिज ने अपने नापाक इरादे जाहिर करते हुए कहा कि भारत में मुझे नुकसान नहीं पहुंचा सकता। कश्मीर जल्दी ही आजाद होगा। 26/11 के आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद कई सालों तक आजाद घूमने के बाद इसी साल जनवरी में अपने ही घर में नजरबंद कर लिया गया था। अमेरिका ने हाफिज पर 64 करोड़ रुपये का इनाम रखा है।
सईद के संगठन जमात-उद दावा की ओर से जारी किए गए विडियो में वह रिहाई के लिए जजों को धन्यवाद करता दिखता है। सईद ने विडियो में कहा, ‘खुदा का शुक्रिया। यह पाकिस्तान की आजादी की जीत है।’ भारत समेत अमेरिका भी हाफिज सईद को मुंबई हमले का मास्टरमाइंड मानता है। पाकिस्तानी अदालत की ओर से उसे रिहा किए जाने के फैसले ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं। वकील सत्तार साहिल ने कहा, ‘पंजाब सूबे की सरकार ने हाई कोर्ट के पैनल से सईद की हिरासत को 60 दिनों के लिए और बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया।’
इससे पहले भी सईद की नजरबंदी को 30 दिन के लिए बढ़ा दिया गया था, जो अब खत्म हो चुकी है। हाफिज सईद लगातार मुंबई हमलों में अपनी संलप्तिता की बात को खारिज करता रहा है। 26 नवंबर, 2018 को मुंबई में 10 बंदूकधारी आतंकियों ने शहर के दो लग्जरी होटलों, एक यहूदी सेंटर और एक रेलवे स्टेशन पर हमला बोल दिया था। इस हमले के बाद परमाणु संपन्न देश भारत और पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर खड़े हो गए थे।
चैरिटी संगठन बताते हैं जमात-उद-दावा के लोग
हाफिज सईद के संगठन जमात-उत-दावा से जुड़े लोग कहते हैं कि यह एक चैरिटी संगठन है, लेकिन अमेरिका का कहना है कि यह पाक स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है। सईद के वकील ए.के. डोगर ने कहा, ‘लाहौर हाई कोर्ट के समीक्षा बोर्ड ने पंजाब सरकार से हाफिज सईद के खिलाफ सबूत पेश करने को कहा था। लेकिन, सरकार ऐसा करने में नाकाम रही।’ बोर्ड ने कहा कि सईद के खिलाफ कुछ भी नहीं है, इसलिए उसे रिहा किया जाना चाहिए।